मई माह में भारी बहुमत से चुनाव जीतने के बाद कर्नाटक की सिद्दारमैया सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश कर दिया है। बजट में ईसाइयों के बोर्ड के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है जबकि वक्फ बोर्ड को 50 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसी के साथ जैन और सिख धर्म से संबंधित स्थानों के विकास के लिए भी 25-25 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
ईसाइयों के लिए 100 करोड़ रुपए की यह धनराशि कर्नाटक राज्य इससे विकास बोर्ड की स्थापना करने के लिए दी गई है। बेंगलुरु के आर्कबिशप ने ईसाईयों को यह धनराशि दिए जाने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने सिद्दारमैया का आभार व्यक्त किया है। बजट में 50 करोड़ की धनराशि वक्फ बोर्ड को भी दी गई है जिससे उसका और अन्य संपत्तियों का विकास हो सके।
कर्नाटक के इस बजट में इस बार ६० करोड़ रुपए अल्पसंख्यकों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के लिए भी दिए गए हैं। इसके अलावा अल्पसंख्यक छात्रों को 1 लाख रुपए का सब्सिडी वाला लोन भी कर्नाटक सरकार सब्सिडी वाली ब्याज दरों (२%) पर देगी। इस योजना का नाम ‘अरिवु’ रखा गया है। राज्य में मौलाना आजाद विद्यालयों की हालत भी सुधारी जाएगी।
इसके अतिरिक्त, कर्नाटक में अल्पसंख्यक छात्रों की अंग्रेजी और कन्नड़ सुधारने के लिए भी मोरारजी विद्यालयों को 5 करोड़ रुपए की सहायता दी जाएगी। राज्य में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए 360 करोड़ रुपए अल्पसंख्यक कॉलोनी विकास परियोजना और मुख्यमंत्री विशेष विकास परियोजना के लिए भी दिए गए हैं।
कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार का यह बजट स्वयं मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने पेश किया है। कर्नाटक का 2023-२4 का कुल बजट 3.27 लाख करोड़ रुपए का है। सिद्दारमैया सरकार इस साल 22,441 करोड़ रुपए कर्जे के ब्याज में अदा करेगी जबकि 54,374 करोड़ रुपए कैपिटल एक्सपेंडिचर के रूप में खर्च करे जाएंगे।
नए बजट में कर्नाटक में राजस्व बढ़ाने के लिए शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है। शराब पर दरें बढ़ाने को लेकर राज्य के शराब कारोबारियों ने चिंता जताई है।
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