संसद भवन में बहुजन समाजवादी पार्टी सांसद दानिश अली के लिए प्रयोग की गई आपत्तिजनक भाषा का मामला विवादों में घिर गया है। एक ओर जहां भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की आलोचना की जा रही है, वहीं दानिश अली ने रमेश बिधूड़ी की सदस्यता रद्द करने की मांग भी की है।
दरअसल सदन की कार्यवाही के दौरान चंद्रयान-3 पर छिड़ी बहस के दौरान भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा कुछ आपत्तिजनक शब्दों के प्रयोग करने को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध जताया है। हालांकि लोकसभा स्पीकर की ओर से बिधूड़ी को चेतावनी जारी कर दी गई है। साथ ही बीजेपी द्वारा उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
वहीं बसपा सांसद दानिश अली ने मामले में शु्क्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है और मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का आग्रह किया है।
दानिश अली का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि लोकसभा स्पीकर मामले का संज्ञान लेकर इसपर कार्रवाई करेंगे। उनका कहना है कि उन जैसे निर्वाचित नेता की यह स्थिति है तो आम जन की क्या स्थिति होगी? उन्होंने कहा कि कार्रवाई न होने पर वो भरे मन से सदन छोड़ने पर विचार करेंगे। साथ ही दानिश अली का कहना है कि इस मामले में कार्रवाई जरूरी है ताकि देश का माहौल दूषित न हो।
विवादों से रहा है दानिश अली का रिश्ता
उल्लेखनीय है कि देश का माहौल दूषित न करने की बात कहने वाले स्वयं दानिश अली भी इस प्रकार के विवादों का हिस्सा रह चुके हैं। अगस्त, 2023 में उत्तर प्रदेश के अमरोहा रेलवे स्टेशन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमृत भारत स्टेशन योजना के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम में दानिश अली तब विवाद का विषय बन गए थे जब उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे से परेशानी जताई थी।
दरअसल कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए गए तो मंच पर मौजूद बसपा सांसद दानिश अली नाराज हो गए और कहा कि यह कोई पार्टी-विशिष्ट कार्यक्रम नहीं है। यह केंद्र सरकार का कार्यक्रम है। यहां ऐसे नारे क्यों लगाए जा रहे हैं?
इससे पहले दानिश अली कर्नाटक में टीपू सुल्तान की मजार पर जाकर एक विवादित वीडियो बना चुके हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें गर्व है कि वो टीपू सुल्तान के फॉलोवर हैं जो कि देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे। इसी वीडियो में वे एक बीजेपी पदाधिकारी को चेतावनी देते नजर आए थे।
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