आज देश संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर शहीदों को याद कर रहा है। इसी बीच दोपहर 1.02 बजे के पास संसद में शून्यकाल के दौरान एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन का मामला सामने आय़ा है। संसद पर हमले की बरसी के दिन ही दो व्यक्ति संसद भवन की आगंतुक गैलरी से कूद गए और लोकसभा कक्ष में भाग कर पीले रंग का धुंआ छोड़ दिया।
सदन के सीसीटीवी सिस्टम के फुटेज में एक व्यक्ति गहरे नीले रंग की शर्ट पहने हुए, पकड़ से बचने के लिए डेस्क के पार छलांग लगाता हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि दूसरा आगंतुक गैलरी में धुआं छिड़क रहा है। दोनों व्यक्तियों को सांसदों और सुरक्षा कर्मचारियों ने काबू कर लिया है।
घटना के बाद लोकसभा दोपहर 2 बजे फिर से शुरू हुई और अध्यक्ष ओम बिरला ने एक संक्षिप्त बयान दिया। उन्होंने स्वाभाविक रूप से विचलित सांसदों से कहा कि हम मामले की जांच कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस को जांच में शामिल होने के लिए कहा है।’
उन्होंने जानकारी दी कि दोनों को पकड़ लिया गया है और उनके पास मौजूद सामग्री भी जब्त कर ली गई है। संसद के बाहर दो लोगों, जिनकी पहचान सागर शर्मा और डी मनोरंजन के रूप में की गई है। इनको गिरफ्तार कर लिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए चौंकाने वाले वी़डियो में नजर आ रहा है कि लोकसभा के एक सदस्य घटना के पूर्व सदन को कुछ पढ़कर सुना रहे थे। इसी समय अचानक से ‘उसे पकड़ो, उसे पकड़ो’ की चिल्लाहट सुनाई दी। उस समय कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अनुप्रिया पटेल भी लॉबी में मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि दोनों घुसपैठियों के पकड़े जाने के बाद उनसे एक आगंतुक पास बरामद किया गया है। जाहिर है कि किसी भी आगंतुक को संसद के अंदर जाने से पहले पांच स्तरों की सुरक्षा से गुजरना होता है। ऐसे में किसी सांसद द्वारा यह पास दिए जाने की जानकारी सामने आ रही है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने इसे ‘भयानक अनुभव’’ बताया है। उन्होंने कहा कि कोई भी उनके लक्ष्य का अनुमान नहीं लगा सका… वे ऐसा क्यों कर रहे थे? हम तुरंत चले गए लेकिन यह एक सुरक्षा चूक थी।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि उन्हें शुरू में लगा कि दर्शक दीर्घा से कोई नीचे गिर गया है। दूसरे व्यक्ति के कूदने के बाद ही मुझे एहसास हुआ कि यह एक सुरक्षा उल्लंघन था… गैस जहरीली हो सकती थी। एक व्यक्ति स्पीकर की कुर्सी की ओर भाग रहा था।
इसके साथ ही दो अन्य व्यक्ति जिनमें एक पुरुष और एक महिला शामिल है को संसद के बाहर से हिरासत में लिया गया है। उनके पास भी रंगीन धुएं के डिब्बे थे, जिनमें विस्फोट हुआ और लाल और पीला धुआं निकला। इन पुरुष और महिला की पहचान 25 वर्षीय अमोल शिंदे और 42 वर्षीय नीलम के रूप में हुई है। इस घटना के दृश्यों में दो हमलावर चिल्लाते हुए दिखाई दे रहे हैं कि “तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी”।
दिल्ली पुलिस के अनुसार दोनों घटनाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हो सकती हैं। नीलम और अमोल (परिसर के अंदर संसद भवन के बाहर पकड़े गए) मोबाइल फोन नहीं ले जा रहे थे। उनके पास कोई बैग या पहचान पत्र नहीं था। उनका दावा है कि वे अपने दम पर संसद पहुंचे और किसी भी संगठन से जुड़े होने से इनकार कर दिया। साथ ही पुलिस ने बताया कि मामले को लेकर विशेष टीम गठित की जा रही है।
जाहिर है कि पुराने संसद भवन पर आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर इस प्रकार की घटना ने सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। घटना के कुछ घंटे पूर्व ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आतंकवादी हमले की बरसी पर मारे गए नौ लोगों को श्रद्धांजलि दी थी।
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