पाकिस्तान में शुक्रवार (सितंबर 29, 2023) को इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन का जश्न मना रही रैली में जोरदार बम धमाका होने से 70 से अधिक लोग घायल हो गए और 52 लोगों की मौत हो गई है। पहला हमला पुलिस स्टेशन के मुख्य द्वार पर हुआ और दूसरा परिसर में मौजूद मस्जिद के अंदर हुआ है।
जानकारी के अनुसार दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए एक रैली निकाली जा रही थी। जब यह रैली एक मस्जिद के सामने पहुँची तब एक भयानक बम विस्फोट हुआ जिससे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई।
अभी तक सामने आई जानकारी के अनुसार यह बमबारी बलूचिस्तान प्रांत के एक जिले मस्तुंग में हुई थी। यहां पर लगभग 500 लोग पैगंबर की जयंती मनाने के लिए जुलूस निकालने के लिए एकत्रित हुए थे। इस समारोह के बीच शुक्रवार को पाकिस्तान में दूसरा बम विस्फोट हुआ। कुछ ही घंटों के अंतराल में दो बड़े धमाके हुए। दोआबा पुलिस स्टेशन में हुए दो विस्फोटों में एक पुलिस अधिकारी सहित कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोग घायल हो गए। पाकिस्तान में हुए इन दोनों विस्फोटों में मरने वालों की कुल संख्या अब 57 हो गई है।
घटना से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इन्हीं वीडियोज में देखा जा सकता है कि एक मस्जिद के पास एक खुले क्षेत्र में बमबारी के बाद मृतकों और घायलों के जूते बिखरे हुए दिखाई दे रहे हैं। कुछ शवों को चादरों से ढक दिया गया था। साथ ही निवासियों और बचावकर्मियों को घायलों को अस्पतालों में ले जाते देखा जा रहा है। वहीं हमले की गंभीरता को देखते हुए आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई है और लोगों से रक्तदान के लिए अपील की जारी की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बलूचिस्तान में विद्रोहियों और आतंकवादियों द्वारा कई हमले होते रहे हैं। हालांकि वे आमतौर पर सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं। पाकिस्तान तालिबान यह दावा कर चुका है कि वे पूजा स्थलों और नागरिकों को निशाना नहीं बनाता है।
मामले को लेकर सरकारी अधिकारी अत्ता उल्लाह का कहना है कि विस्फोट में घायल लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। उल्लाह ने बताया कि मृतकों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोहम्मद नवाज भी शामिल हैं। अधिकारी यह जांच करने का प्रयास कर रहे हैं कि क्या यह बमबारी किसी आत्मघाती हमले का हिस्सा थी।
ज्ञात हो कि बमबारी से पहले अधिकारियों द्वारा पुलिस को अलर्ट जारी कर संभावना जताई गई थी कि आतंकवादी पैगंबर के जन्मदिन की रैली पर हमला कर सकते हैं।
इसके साथ ही एक स्थानीय पुलिस अधिकारी शाह रज़ खान ने जानकारी दी है कि शुक्रवार को ही उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हंगू जिले में एक पुलिस स्टेशन के परिसर में स्थित एक मस्जिद में भी विस्फोट की घटना सामने आई है, जिसमें सात लोग घायल हो गए हैं।
इस हमले में विस्फोट के प्रभाव से मिट्टी की ईंट वाली मस्जिद ढह गई थी। बचावकर्मियों ने मलबे से नमाजियों को बाहर निकालने का काम किया। हालांकि पुलिस को स्पष्ट नहीं है कि विस्फोट किस कारण से हुआ। अभी तक हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। गौरतलब है कि यह हमला तब हुआ जब लगभग 40 लोग मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे। नमाजियों में अधिकांश पुलिस अधिकारी शामिल थे।
वहीं घटना की सूचना के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने हमले की निंदा की और अधिकारियों से घायलों और पीड़ितों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने को कहा है। साथ ही कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सरफराज बुगती ने बमबारी की निंदा की और लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मावलिद-ए-नबी जुलूस में लोगों को निशाना बनाना एक ‘जघन्य कृत्य’ है।
हालांकि हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है पर पाकिस्तानी तालिबान ने तुरंत इससे दूरी बना ली है। पाकिस्तानी तालिबान या टीटीपी अफगान तालिबान का सहयोगी आतंकवादी संगठन है। इससे पहले हुए हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली थी जो बलूचिस्तान और अन्य जगहों पर कई घातक हमले कर चुके हैं।
बता दें कि अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगा दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र बलूचिस्तान प्रांत दो दशकों से अधिक समय से पाकिस्तान के द्वारा दमन का सामना कर रहा है। यहां पाकिस्तानी सेना पर बलूच लोगों पर अत्याचार करने का आकोप लगता रहा है। पिछले कई वर्षों में बलूच महिलाओं से ज्यादाती के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है।
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