वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने देशभर में अपने 3000-3500 विस्तारक नियुक्त करने का निर्णय लिया है, जिससे वो पार्टी को मजबूत कर सकें। आगामी विधानसभा एवं वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर ये निर्णय लिया गया है।
मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, कर्नाटक, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम और तेलंगाना में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए सभी दल तैयारियों में जुटे हुए हैं।
इन राज्यों की वर्तमान सरकार पर नजर डालें तो 9 राज्यों में से 6 राज्यों में बीजेपी या बीजेपी गठबंधन वाली सरकारें हैं। वहीं, 2 राज्यों छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान में कॉन्ग्रेस और तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति दल की सरकार है।
जानकारी के अनुसार, बीजेपी विस्तारक बूथ या स्थानीय स्तर पर संगठन के साथ मिलकर विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र में काम करेंगे और इनकी रिपोर्ट सीधा केंद्रीय नेतृत्व को प्राप्त होगी। साथ ही, बूथ स्तर पर ये पार्टी के लिए चुनावों से पहले ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करेंगे और स्थानीय संगठनों के साथ मिलकर कार्य करेंगे।
बता दें कि तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों पर बीजेपी विस्तारक नियुक्त कर चुकी है। बीते दिनों कमजोर पकड़ वाले 160 लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी द्वारा विस्तारकों को जिम्मेदारी दी गई है।
जाहिर है कि 2023 बीजेपी सहित सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण रहने वाला है क्योंकि इस वर्ष 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव और उसके बाद 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। इसलिए बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। पार्टी समाज के हर व्यक्ति तक अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। इसी के तहत पार्टी के ओबीसी मोर्चे द्वारा मार्च-अप्रैल में ‘गाँव-गाँव चलो, घर-घर चलो’ अभियान की शुरुआत की जा सकती है। इस अभियान के जरिए ओबीसी मतदाताओं को सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की जानकारी दी जाएगी।
भाजपा के लिए ओबीसी मोर्चा अहम स्थान रखता है और इसने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 9 राज्यों के मतदाताओं से संपर्क बनाना भी शुरू कर दिया है। एएनआई में छपी रिपोर्ट के अनुसार, ओबीसी मतदाताओं के सहयोग से पार्टी इन राज्यों में सरकार गठित करने की रणनीति बना रही है क्योंकि सभी राज्यों और केंद्र में इस समुदाय की भागीदारी करीब 40-50% है।
जानकारी है कि सभी विस्तारक गाँव-गाँव जाकर प्रचार सामग्री द्वारा सरकार की उपलब्धियों से लोगों को अवगत करवाएंगे। आगे की रणनीति राष्ट्रीय ओबीसी कार्यसमिति की बैठक में तय की जाएगी। साथ ही, जनवरी के अंत तक हरियाणा में ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की एक बैठक आयोजित हो सकती है, जिसमें तय किया जाएगा कितने गाँवों में दौरा किया जाएगा और कितने लोगों से संपर्क किया जाएगा।