संसद के बजट सत्र (Parliament Budget Session) का दूसरा चरण आज यानी सोमवार (13 मार्च, 2022) को शुरू हुआ। बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा भी देखने को मिला। हंगामा इतना बढ़ा कि सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दरअसल, राहुल गाँधी द्वारा भारतीय लोकतंत्र के सम्बन्ध में लंदन में दिए गए बयानों को लेकर कॉन्ग्रेस से सवाल पूछे गए।
भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने संसद के दोनों सदनों में राहुल गाँधी से माफी मांगने की बात कही। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए कहा, “राहुल गांधी जो इसी सदन के सांसद हैं, उन्होंने लन्दन में जाकर भारत को बदनाम करने की कोशिश की है। यह भारत की गरिमा, प्रतिष्ठा पर गहरी चोट पहुंचाई गई है।”
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी राहुल गाँधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “राहुल गाँधी ने भारत के आन्तरिक मामलों विदेशी ताकतों को हस्तक्षेप करने की मांग की। सारे सदन को इसकी निन्दा करनी चाहिए। अगर थोड़ी सी भी शर्म है तो राहुल गाँधी को सदन में आकर माफी माँगनी चाहिए।”
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी राज्यसभा में राहुल गाँधी के बयानों पर कहा, “भारत लोकतंत्र की जननी है। मुझे लगता है कि विपक्षी दलों ने भारत का अपमान करना तय किया है।”
पीयूष गोयल ने कहा कि राहुल गाँधी को यह समझने की आवश्यकता है कि लोकतंत्र क्या है? गोयल ने इन्दिरा गाँधी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि लोकतंत्र को खतरा तब था जब मौलिक अधिकार छीन लिए गए थे।
उन्होंने मनमोहन सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि लोकतंत्र को खतरा तब होता है जब कोई प्रधानमंत्री यह कहता है कि मैं भ्रष्टाचार को रोक नहीं सकता, क्योंकि गठबंधन है।
पीयूष गोयल ने राहुल गाँधी से माफी मांगने की बात कही। उन्होंने कहा, लोकतंत्र बचाने के लिए इनके नेता को सबसे पहले सदन में आकर माफी माँगनी चाहिए।
गोयल ने कहा, राहुल गांधी को देश की माफी मांगनी चाहिए। उन्हें देशवासियों की, न्यायपालिका की, प्रेस की, चुनाव आयोग की, सेना की, सदन की और सभापति की माफी मांगनी चाहिए।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भी राहुल गाँधी के बयान की ओर इशारा करते हुए कहा कि सदन में नियमानुसार किसी भी सांसद को बोलने से नहीं रोका है।
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