छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार कानून व्यवस्था के मामले में फेल दिखाई पड़ रही है। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में अब भाजपा के एक नेता की कम्युनिस्ट नक्सलियों ने हत्या कर दी है। 10 फरवरी को भाजपा नेता सागर साहू की नक्सलियों ने उनके घर में घुस कर एके-47 से हत्या कर दी।
यह छत्तीसगढ़ में एक सप्ताह में दूसरी ऐसी घटना है जहाँ प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के एक सक्रिय नेता की हत्या हुई है। इससे पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक और भाजपा नेता की कुल्हाड़ियों और चाकुओं से हत्या कर दी गई थी।
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि ‘दाऊ भूपेश बघेल याद रखें कि एक-एक हत्या का हिसाब होगा’। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक माह के भीतर तीन भाजपा नेताओं की हत्या के पीछे साँठगाँठ का आरोप लगाया है।
सागर साहू की हत्या के मामले में बताया जा रहा है कि नक्सली शाम को उनके घर पर आए और टीवी देख रहे साहू की कनपटी पर एके 47 के दो राउंड फायर कर के उनकी हत्या कर दी। बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहाँ उनको मृत घोषित कर दिया गया।
लगातार जारी है भाजपा नेताओं की हत्या का सिलसिला
गौरतलब है कि इससे मात्र एक सप्ताह पहले ही भाजपा के एक और मंडल स्तर के नेता नीलकंठ कक्केम की हत्या उनके ससुराल के गाँव में कर दी थी जहाँ वह अपनी साली के विवाह की तैयारियों में सहायता करने गए हुए थे।
दैनिक भास्कर के अनुसार, कुछ नक्सली आए और उन पर चाकुओं और कुल्हाड़ियों से हमला करके उनकी हत्या कर दी। कुछ ही दिन पहले छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में भी भाजपा के एक नेता की हत्या कर दी गई थी। जगदलपुर के भाजपा के जिला स्तर के नेता बुधराम की भी हत्या की गई थी।
धर्मांतरित ईसाईयों और वनवासियों के बीच जंग का मैदान बन चुका है नारायणपुर
गौरतलब है कि जिस नारायणपुर में यह हत्या हुई है वह पिछले माह देश में वनवासी-धर्मान्तरित ईसाइयों के बीच झगड़े को लेकर खबरों में बना रहा था।
यह भी पढ़ें: छतीसगढ़: धर्मांतरण के विरोध में वनवासियों का फूटा ग़ुस्सा, जीसस की मूर्ति की समतल
नारायणपुर में ईसाई मिशनरियों द्वारा बड़ी संख्या में पिछले कुछ समय में भोलेभाले आदिवासियों को ईसाई धर्म में परिवर्तित किया गया है, इसी को लेकर मूल आदिवासी समुदाय और धर्मांतरण करने वाले लोगों के बीच मारपीट और सभाओं का दौर चलता रहा है।
दिसम्बर 2022 से जनवरी 2023 के बीच इस विवाद में और तेजी आ गई थी। एबीपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस इलाके में पिछले कुछ समय में 3000 से ज्यादा लोगों को धर्मान्तरित किया गया है। इन इलाकों में पहले कच्चे फिर पक्के गिरजाघर बना कर और पवित्र प्रार्थना के नाम पर धर्मांतरण का खेल चलता आया है। खुद को एक्टिविस्ट का तमगा देने वाले इसमें सहायक रहे हैं।
इन सारी घटनाओं का दर्शक बनने वाले यह इलाके बस्तर संभाग का हिस्सा हैं। यह वही बस्तर है जहाँ दशकों से नक्सलियों की सत्ता चलती आई है।
यह भी पढ़ें: नक्सल मुक्त हुआ बिहार, LWE आतंकियों का 30 साल पुराना अड्डा बूढ़ा पहाड़ भी ‘समतल’: CRPF
सुरक्षा बलों के तेज एक्शन और सख्ती के चलते भागने पर मजबूर नक्सली अब इस तरह की घटनाएं कर के अपनी जमीन बचाने का प्रयास कर रहे हैं। सागर साहू की हत्या को लेकर राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज होने के आसार लगाए जा रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा आज 11 फरवरी को जगदलपुर में एक सभा को आयोजित करने के बाद कार्यकर्ता के घर भी जाएंगें।