सोशल मीडिया पर एक खबर खूब वायरल की जा रही है कि रेलवे ने नागपुर-बिलासपुर वन्दे भारत को बंद कर दिया है और इसकी जगह पर एक तेजस एक्सप्रेस चला दी है। हमेशा की तरह, भारत की किसी भी तरक्की को नकारात्मक दृष्टि से देखने वाले लोग इस पर दुष्प्रचार कर रहे हैं कि वन्दे भारत बंद हो गई।
जबकि इसका सच कुछ और है। बिलासपुर-नागपुर वन्दे भारत को दिसम्बर 2022 में शुरू किया गया था, मध्य भारत को पश्चिमी भारत से जोड़ने वाली इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। तब से यह लगातार अपनी सेवाएँ दे रही है।
अब रेलवे ने फैसला किया है कि 16 कोच वाली नागपुर-बिलासपुर वन्देभारत, जिसमें 1,128 लोग सफ़र कर सकते हैं, को तिरुपति-वन्दे भारत एक्सप्रेस रेनलाईजेशन के 8 कोच वाले रेक से रिप्लेस किया जाएगा, इस टाइप की वन्दे भारत में 658 लोग सफ़र कर सकते हैं। रेलवे का यह फैसला रेश को लेकर है।
दरअसल, नागपुर-बिलासपुर वाली वन्दे भारत का ओक्युपेंसी रेट 55% है। यानी कुल सीटों की तुलना में 55% यात्री सफ़र कर रहे हैं, जबकि तिरुपति वाली वन्दे भारत 100% ओक्युपेंसी रेट से चल रही है और इसमें डिमांड लगातर बढ़ रही है।
ऐसे में रेलवे ने फैसला किया है कि जहाँ जितने कोच वाली ट्रेन को जरूरत है, वहां वैसी ही वन्देभारत चलाई जाए। फरवरी में आई एक खबर के अनुसार अगर सभी वन्दे भारत ट्रेनों का आक्युपेंसी एवरेज निकाला जाए तो यह लगभग 100% है।


अब आपको यह भी बता दें कि इस रूट पर तेजस रेक क्यों चलाया गया, दरअसल, वन्दे भारत रेक के तकनीकी या अन्य किसी कारणों से अवेलिबल ना होने की कंडीशन में वन्दे भारत जैसी ही सुविधाओं वाली तेजस रेक वन्दे भारत के नाम से चलाई जाती है। जिससे यात्रियों को परेशानी ना हो।
नागपुर बिलासपुर वाले केस में सही बात यह है कि जबतक तिरुपति और नागपुर वाली वन्दे भारत को आपस में बदल नहीं दिया जाता तब तक प्रोविजनल तौर पर तेजस को चलाया जाए, ऐसा पहले कई बार दिल्ली वाराणसी वन्दे भारत के साथ भी किया जा चुका है।
ऐसे में यह दावा करना कि नागपुर बिलासपुर वन्दे भारत बंद हो गई है, भ्रामक है, रेलवे लगातार अपनी कैपिबिलिटीज को इनक्रीज कर रहा है और आने वाले समय में हमें और भी वन्दे भारत ट्रेनें देखने को मिलेंगी।
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