बिहार में फिर बेलगाम ‘जंगलराज’। बीते मंगलवार को बेगूसराय में दो बाइकों पर सवार होकर आए चार बदमाशों ने, दिनदहाड़े अलग-अलग जगहों पर गोलीबारी की। इस घटना में एक व्यक्ति की जान भी चली गई। गोलाबारी के दौरान हमलावर कुल 25 किलोमीटर तक हथियार लहराते, गोलियों की बौछार करते रहे. इस बीच हमलावर कुल 4 थाना क्षेत्रों से होकर गुजरे लेकिन किसी भी थाने की पुलिस ने उन्हें रोकने या मुकाबला करने की जहमत नहीं उठाई। अपराधियों के फरार होने के बाद बिहार पुलिस की नींद खुली। आश्चर्यजनक बात यह कि अपराधी इतने बेखौफ थे की इस वारदात को अंजाम राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिया गया।
क्या है पूरा मामला
बेगूसराय गोलीकांड को बदमाशों द्वारा 13 सितम्बर, 2022, मंगलवार को शाम 4 बजे के करीब अंजाम दिया गया। गोलीबारी अलग-अलग जगहों पर करीब सवा घंटे तक चली, इस बीच बदमाशों ने कुल 25 किलोमीटर का फैसला बेखौफ होकर तय किया, हथियार लहराते रहे। सुशाशन बाबू की पुलिस इस पूरे खूनी खेल के दौरान चिरनिद्रा से नहीं उठी।
गोलीबारी की पूरी कहानी
CCTV में कैद घटना से पता चला है कि अपराधी समस्तीपुर जिले की तरफ से आए थे और बेगूसराय जिले के बछवाड़ा पहुंचकर उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग पर अंधाधुन गोलीबारी शुरू कर दी। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते, हत्यारे घटनास्थल से गायब हो गए। इसके बाद राजमार्ग से आगे बढ़ते हुए अलग-अलग इलाकों में गोलीबारी की। घटना से थोड़ी देर में पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
बंदूकधारियों ने सबसे पहले मल्हीपुर चौक की दुकानों को निशाना बनाकर गोलियां चलाई। घबराए लोग जान बचाने के लिए भागने लगे। इसके बाद बंदूकधारी बरौनी थर्मल चौक, बरौनी, तेघरा, बछवाड़ा और राजेंद्र ब्रिज पर गए और फायरिंग जारी रखी।
सुशासन का हाल
इस घटनाक्रम में चौकाने वाली बात यह है की गोलीबारी के दौरान अपराधी कुल 4 थाना क्षेत्रों से गुजरे, इनमें से एक की भी पुलिस-बल सक्रिय नहीं थी। अपराधी 11 लोगों को गोली मारकर फरार हो गए और CCTV में कैद भी हुए लेकिन पुलिस के हाथ नहीं लगे। घटना के बाद पटना, समस्तीपुर, खगडिया, नालंदा, लखीसराय जिलों में नाकेबंदी की गई थी, हाई-अलर्ट जारी कर दिया गया था।
बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “घटना में कुल चार बंदूकधारी शामिल थे। आरोपी दो बाइक में आए और बेगूसराय में कई स्थानों पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 30 वर्षीय व्यक्ति चंदन कुमार की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। मामले की जाँच के लिए 4 टीमों का गठन किया गया।”
पुलिस ने बदमाशों की तस्वीर जारी कर, सुचना देने वालों को 50,000 रूपए के नगद इनाम की घोषणा भी की। बिहार पुलिस ने घटना में स्थानीय पुलिस से हुई चूक को मानकर, 7 पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया है। बेगूसराय एसपी योगेंद्र कुमार ने घटना के बारे में मीडिया से बात करते हुए की बताया कि घटना को 4 थाना क्षेत्र, फुलवरिया, बछवाड़ा, तेघड़ा और चकिया थाना इलाके की है।
बिहार सरकार का पक्ष
बेगुसराय गोलीकांड पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान सामने आया, उन्होंने इसके पीछे साजिश की बात कही। नितीश कुमार ने घटना को अलग रंग देते हुए कहा की यह घटना जिस इलाके में हुई है वहाँ पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ज्यादा रहते हैं, ऐसे में घटना को जान-बूझकर इस इलाके में अंजाम दिया गया है।
नीतीश कुमार की तत्कालीन सरकार में उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया से वार्ता के दौरान भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए, “भाजपा शासित राज्यों में रामराज है क्या” बोलकर पल्ला झाड़ लिया।
बदलता रहा थाना क्षेत्रों की संख्या
इस अपराध के बाद मीडिया रिपोर्ट्स में पहले 6 थाना क्षेत्र में होने की खबर आई, बाद में पुलिस आयुक्त ने स्पस्टीकरण देते हुए घटना के 4 थाना क्षेत्रों में होने की बात कही। ऐसे हीं, पहले इसमें हमलावर की सँख्या 2 बताई गई थी, बाद में CCTV के आधार पर जारी तस्वीर में यह सँख्या बढ़कर 4 हो गई।
सरकार पर विपक्ष हमलावर
इस घटनाक्रम के बीच, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, जो बेगूसराय से सांसद भी हैं, अपने लोकसभा क्षेत्र पहुंचे। गिरिराज सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “बिहार में ‘महागठबंधन’ की सरकार आते हीं कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने लगती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘जंगल राज’ को ‘जनता राज’ करार दिया है, जो हास्यास्पद है। वह राजद नेतृत्व के दबाव में काम कर रहे हैं।”
भाजपा की जिला ईकाई ने बुधवार को बेगूसराय बंद का आह्वान किया था जिसके तहत अधिकांश दुकानें बंद रहीं। वहीं पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा था कि हम चाहते थे कि बेगूसराय में उद्योग लगे पर यहां तो अपराध की खेती होने लगी। बीजेपी के राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने भी शुक्रवार को बिहार में पनप रहे जंगलराज के खिलाफ, बीजेपी कार्यकर्ता और स्थानीय लोग के साथ मिलकर धरना दिया। इस मुद्दे के बाद बीजेपी को बिहार में जंगलराज की वापसी के अपने दावे को सच साबित करने का मौका मिल गया।
लोगों का विरोध प्रदर्शन
घटना से क्रोधित लोगों ने बेगूसराय और बरौनी को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिपरा गांव के पास वाहनों की आवाजाही को बाधित कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने भारी संख्या में जुटकर, मृतक चंदन कुमार के शव को राष्ट्रीय राजमार्ग पर रखकर भरी विरोध-प्रदर्शन किया।
गोलीकांड में अपडेट
पुलिस ने घटना के बाद हाई-अलर्ट जारी किया था. जिले में मौजूद श्रीकृष्ण सेतु जो की खगड़िया, बेगूसराय के अलावा कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल के जिलों को जोड़ता है, उसे पूरी तरह से सील कर दिया था।
बेगूसराय गोलीकांड के 72 घण्टे बाद पुलिस को कामयाबी मिली जब इसके चारों मुख्य आरोपित 16 सितम्बर, 2022 को गिरफ्तार कर लिए गए। बिहार पुलिस ने शुक्रवार शाम एक प्रेस वार्ता कर बताया कि गोलीकांड में शामिल आरोपी युवराज, केशव, अर्जुन और सुमित को गिरफ्तार कर लिया गया है. सारे बेगूसराय के ही रहने वाले हैं। इनमे से सुमित, अर्जुन और युवराज को पुलिस ने गुरुवार रात गिरफ्तार किया था जबकि मुख्य आरोपी केशव को आरपीएफ और पुलिस ने मिलकर जमुई जिले के झाझा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। आरोपी ‘हटिया-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस’ से भागने की कोशिश कर रहा था। इनमें से एक आरोपी को लेकर पुलिस राष्ट्रीय राजमार्ग के उस घटनास्थल पर भी पहुँची थी जहाँ से घटना की शुरुवात हुई।
पुलिस द्वारा की गयी प्रेस वार्ता
चारों अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद बेगूसराय एसपी योगेन्द्र कुमार ने कहा कि जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपियों ने जिले में दहशत फैलाने के मकसद से इस गोलीबारी को अंजाम दिया। पूछताछ में चारों ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है. मामले में इस्तेमाल बाइक और देसी पिस्टल भी बरामद कर कर लिया गया है.
इसी क्रम में मीडिया के सवाल पर की घटनाक्रम के दौरान “कितनी गोलियाँ चली?”, तो एडीजीपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने जवाब दिया, “SP से पूछ कर बताता हूँ!” मामले में पुलिस काफी हड़बड़ी में नजर आ रही है, मीडिया के सभी सवालों का उनके पास बस यही जवाब था कि सारी चीजें आपको चार्जशीट में पता चलेगी।
मामले में नया मोड़
मामले में मुख्या आरोपी बताये जा रहे केशव के बचाव में उसकी मां और पिता आ गए हैं। दोनों का आरोप है कि उनके बेटे को फंसाया जा रहा है। बेटा बेकसूर है और उसकी बेगुनाही के सबूत उनके पास है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने परिजनों से मुलाकात भी की है।
केशव की मां ने कहा कि पुलिसवाले हम पर दबाव बना रहे हैं और उन्होंने मेरे बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। मां ने पुलिस पर दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बेटा बेकसूर है। हमारे पास बेटे की बेगुनाही के सबूत हैं। बेगूसराय के मुख्य आरोपी की मां का आरोप है कि पुलिस उसके पास से बेटे की बेगुनाही का सबूत सीसीटीवी फुटेज लेकर चली गई है। उन्होंने आशंका जताई है कि पुलिस उनके बेटे को गुनहगार साबित कर देगी।