बिहार में भागलपुर जिले के जेडीयू विधायक गोपाल मंडल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। लाइसेंसी रिवॉल्वर लेकर वे दमदार स्टाइल में एक अस्पताल गए जिससे एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया। जहां विधायक ने दावा किया कि यह आत्मरक्षा के लिए था, वहीं भाजपा ने इसे कानून-व्यवस्था का उल्लंघन बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
बिहार में 'सुशासन'
— The Pamphlet (@Pamphlet_in) October 4, 2023
हाथ में रिवॉल्वर लेकर अस्पताल पहुंचे JDU विधायक Gopal Mandal: बोले- 'हमारा यही स्टाइल है'#JDU #Bihar pic.twitter.com/VN2zqqksJX
गोपाल मंडल गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू विधायक हैं। विवादास्पद बयानों और विरोधियों के खिलाफ फायर आर्म्स दिखाना और उनसे जुड़ी पिछली चेतावनियों का उनका इतिहास रहा है। यह घटना तब हुई जब वह अपनी पोती का सीटी स्कैन करवाने के लिए उसे लेकर अस्पताल पहुँचे।
एक वीडियो सामने आया जिसमें मंडल को हाथ में रिवॉल्वर लेकर भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में घूमते हुए दिखाया गया है। विधायक को रिवॉल्वर के साथ अस्पताल में घुसते देख लोग हैरान रह गए। वीडियो में उनकी एंट्री को “फिल्मी स्टाइल” जैसा दिखाया गया। विधायक ने कहा कि राजनीतिक दुश्मनों के कारण वह लाइसेंसी हथियार लेकर घूमते है।
वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाए और मंडल की गिरफ्तारी की मांग की। जेडीयू ने बचाव करते हुए कहा कि लाइसेंसी हथियार रखना गैरकानूनी नहीं है। मंडल ने कहा कि उन्हें फूलन देवी की ही तरह अपनी जान का खतरा है, जिनकी सुरक्षा के बावजूद हत्या कर दी गई थी।
भाजपा ने इस घटना की आलोचना करते हुए कहा कि यह बिहार में “राक्षसी शासन” को दर्शाता है और मंडल की गिरफ्तारी की मांग की। मंडल का अतीत में विरोधियों को धमकाने और नेताओं के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने का इतिहास रहा है।
उन पर पहले भी आरोप लग चुके हैं। इस घटना ने सवाल उठाया है कि क्या लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालते हुए जन प्रतिनिधियों को अस्पतालों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सशस्त्र प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए। आलोचकों का कहना है कि यह दण्ड से मुक्ति की संस्कृति को प्रदर्शित करता है।
मामले पर भागलपुर नगर पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार चौधरी ने टिप्पणी करते हुए स्वीकार किया कि पुलिस ने सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो देखा है। चूंकि घटना में एक विधायक शामिल है ऐसे में इस स्तर पर कोई निश्चित बयान देना जल्दबाजी होगी।
इस घटना ने विधायक की विवादास्पद प्रकृति और हथियारों से जुड़ी पिछली धमकियों को उजागर किया। जबकि उन्होंने दावा किया कि यह आत्मरक्षा के लिए था, विपक्ष ने कहा कि यह लचर कानून और व्यवस्था को दर्शाता है। पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है। अस्पताल की इमारत के अंदर विधायक की हरकतों पर विवाद ने उनके आचरण पर फिर से बहस छेड़ दी है।