बिहार में जातिगत सर्वेक्षण की आर्थिक रिपोर्ट आज यानी मंगलवार (07 नवम्बर, 2023) को विधानमंडल के पटल पर रखी गई।
बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रिपोर्ट पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बिहार में अनुसूचित जाति वर्ग (SC) में सबसे अधिक 42.93% गरीब परिवार हैं। इसके बाद अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST) में 42.7%, अति पिछड़ा वर्ग में 33.58%, पिछड़ा वर्ग में 33.16% और सामान्य वर्ग में 25.09% गरीब परिवार हैं।
वहीं, सामान्य वर्ग में भूमिहार सबसे ज्यादा 25.32% परिवार, ब्राह्मण में 25.3% परिवार, राजपूत में 24.89% परिवार, कायस्थ में 13.83% परिवार, शेख 25.84% परिवार, पठान (खान ) 22.20% परिवार और सैयद 17.61% परिवार गरीब हैं। अगर राज्य की बात करें तो बिहार में 34.13% लोग गरीब हैं यानी इनकी आय प्रतिमाह 6 हजार रुपये से कम है।
बता दें कि बिहार में गरीब की श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है जिनकी आय प्रतिमाह 6,000 रुपये से कम है।
मासिक आय की बात करें तो सामान्य वर्ग में 10 से 20 हजार मासिक आय की 19% आबादी है। 20 से 50 हजार मासिक आय की 16% आबादी है। 50 हजार से ज्यादा मासिक आय वाले 9% हैं जबकि 6 हजार मासिक आय वाले 25% हैं।
बिहार में शिक्षा की स्थिति की बात करें तो तकरीबन 7% जनसंख्या ग्रेजुएट है। वहीं, 9.19% आबादी के पास कक्षा 11 से 12 तक की शिक्षा है। इसके अलावा, 14.71% जनसंख्या के पास कक्षा 9 से 10 तक और 14.33% जनसंख्या के पास कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा है। वहीं, 22.67% जनसंख्या कक्षा 1 से 5 तक पढ़ी है।
इस रिपोर्ट में एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि 50 लाख से अधिक बिहारवासी राज्य के बाहर रहते थे। वहीं, दूसरे राज्यों में जीविकोपार्जन करने वालों की संख्या लगभग 46 लाख है, जबकि अन्य 2.17 लाख लोगों को विदेशों में रहते हैं।
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