The PamphletThe Pamphlet
  • राजनीति
  • दुनिया
  • आर्थिकी
  • विमर्श
  • राष्ट्रीय
  • सांस्कृतिक
  • मीडिया पंचनामा
  • खेल एवं मनोरंजन
What's Hot

यूरोपीय देशों में गैर-टैरिफ उपायों से भारत के निर्यात पर संभावित जोखिमों का आकलन

September 25, 2023

जेपी मॉर्गन के भारत को इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा लाभ

September 25, 2023

‘हरामी’ से लेकर ‘मोदी की हत्या’ तक… संसद एवं राजनीतिक रैलियों में नफरती भाषा का जमकर हुआ है इस्तेमाल

September 23, 2023
Facebook Twitter Instagram
The PamphletThe Pamphlet
  • लोकप्रिय
  • वीडियो
  • नवीनतम
Facebook Twitter Instagram
ENGLISH
  • राजनीति
  • दुनिया
  • आर्थिकी
  • विमर्श
  • राष्ट्रीय
  • सांस्कृतिक
  • मीडिया पंचनामा
  • खेल एवं मनोरंजन
The PamphletThe Pamphlet
English
Home » भारत में दो साल से क्यों नहीं है अमेरिका का राजदूत?
दुनिया

भारत में दो साल से क्यों नहीं है अमेरिका का राजदूत?

अर्पित त्रिपाठीBy अर्पित त्रिपाठीJanuary 5, 2023No Comments5 Mins Read
Facebook Twitter LinkedIn Tumblr WhatsApp Telegram Email
Biden administration not able to appoint ambassador for India for past two years
बाईडेन प्रशासन नहीं कर पा रहा दो साल से भारत में राजदूत की नियुक्ति
Share
Facebook Twitter LinkedIn Email

हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी शहर लॉस एंजिलिस (Los Angeles) के पूर्व मेयर एरिक गार्सेट्टी (Eric Garcetti) को भारत के लिए राजदूत के रूप में फिर से नामित किया है, परन्तु अमेरिकी संसद (कॉन्ग्रेस) की मंजूरी न मिलने के कारण उनकी नियुक्ति लटकी हुई है। अमेरिका के विदेश विभाग ने यह जानकारी सामने रखी है।

भारत और अमेरिका के समबन्धों में पिछले कई वर्षों से प्रगाढ़ता दिखाई दे रही है। विशेष कर जबसे भारत में प्रधानमन्त्री मोदी सत्ता में आए हैं, तभी से इनमें खासा बदलाव आया है। इसके बीच एक हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले दो वर्षों से भारत में अमेरिका का राजदूत नहीं है। इससे पहले जनवरी 2020 तक केनेथ जस्टर भारत में अमेरिका के राजदूत थे।

ध्यान देने वाली बात है कि भारत नाटो (NATO) देशों के बाहर अमेरिका का अहम सहयोगी है और दोनों देश एक दूसरे से काफी पुराने कूटनीतिक सम्बन्ध रखते आए हैं। अमेरिका लगातार भारत की आजादी के साथ ही अपने राजदूत भेजता आया है। ऐसे में भारत में अमेरिका का राजदूत ना होना एक हैरान करने वाली बात है।

क्या है अमेरिका में राजदूत बनाने की प्रक्रिया?

दुनिया के अधिकाँश देशों में अमेरिका की राजनयिक उपस्थिति है। एक आँकड़े के अनुसार अमेरिका वर्तमान में 166 देशों में अपनी राजनयिक उपस्थिति रखता है। जहाँ एक ओर भारत में राजदूतों की नियुक्ति भारतीय विशेष सेवा के अधिकारियों में से होती है, वहीं अमेरिका में इस सम्बन्ध में प्रक्रिया कुछ भिन्न है।

अमेरिका में राजदूत को नियुक्त करने की शक्ति अमेरिकी राष्ट्रपति के पास है। हालांकि इसमें कई पेंच हैं। राष्ट्रपति, अपने किसी विश्वसनीय या विदेश सेवा के किसी अधिकारी को राजदूत नियुक्त करते हैं। इन नियुक्तियों में कई व्यक्ति विदेश सेवा से इतर राजनीतिक प्रभाव वाले भी हो सकते हैं। भारत के लिए नामित किए जाने वाले मेयर गार्सेट्टी भी एक नेता हैं।

अमेरिकी कॉन्ग्रेस

राष्ट्रपति द्वारा नामित होने के पश्चात इसे अमेरिकी संसद (कॉन्ग्रेस) के द्वारा भी मंजूरी मिलनी चाहिए। कॉन्ग्रेस के दो सदन होते हैं। हाउस ऑफ रिप्रेज़ेन्टिवस (निचला सदन) और सीनेट, अर्थात उच्च सदन। इन दोनों सदनों की मंजूरी मिलने के बाद किसी भी व्यक्ति की राजदूत के रूप में नियुक्ति होती है।

कॉन्ग्रेस की ही सहमति नहीं मिलने के कारण भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका के करीबी सहयोगी सऊदी अरब में भी लगभग 1 साल से अमेरिका का कोई राजदूत नहीं है।

कौन हैं एरिक गार्सेट्टी?

भारत के लिए राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा भारत के राजदूत के रूप में नामित किए जाने वाले एरिक गार्सेट्टी पेशे से एक राजनेता हैं। वे वर्ष 2013 से वर्ष 2022 तक अमेरिका के प्रमुख शहर लॉस एंजेल्स के मेयर रहे हैं। वह राष्ट्रपति बाइडेन के राजनीतिक दल डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य हैं। वे राष्ट्रपति बाइडेन के करीबी हैं।

एरिक गार्सेट्टी

राजनीति में आने से पहले गार्सेट्टी एक शिक्षक भी रह चुके हैं। वह कूटनीति पढ़ाते थे। बाइडेन प्रशासन लगातार कहता आया है कि वह उन्हें भारत के लिए एक उपयुक्त प्रतिनिधि मानता है और ऐसे में वह प्रयास करेगा कि उनके नाम की मंजूरी मिल जाए।

क्यों आ रही है एरिक गार्सेट्टी की नियुक्ति में समस्या?

राष्ट्रपति बाइडेन ने इससे पूर्व जुलाई 2021 में एरिक गार्सेट्टी को भारत के राजदूत के रूप में नामित किया था। उनके नाम की मंजूरी कॉन्ग्रेस से मांगी गई थी, परन्तु कॉन्ग्रेस के उच्च सदन सीनेट के सदस्य चक ग्रेस्ले ने उनके एक सहकर्मी द्वारा यौन शोषण का आरोप लगते हुए उनके नाम पर रोक लगा दी थी।

ग्रेस्ले का कहना था कि गार्सेट्टी यह जानते थे फिर भी उन्होंने उस विषय में कोई कदम नहीं उठाए। ग्रेस्ले ने यह भी आरोप लगाए कि गार्सेट्टी का सहकर्मी नस्लीय टिप्पणियां करने में भी शामिल था।

क्या है अमेरिका का पक्ष?

अमेरिकी विदेश विभाग लगातार गार्सेट्टी की नियुक्ति का प्रयास कर रहा है। व्हाईट हाउस की प्रवक्ता जीन पियरे ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन का पक्ष रखते हुए बताया कि वह पहले ही कह चुके हैं कि भारत, अमेरिका के लिए अहम् सहयोगी और एरिक को नामित करना एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह भी पढ़ें: ट्रैवल एडवाइजरी: अमेरिकी कूटनीति का छुपा अस्त्र

पियरे ने यह भी कहा कि हम एरिक के नाम पर कॉन्ग्रेस की सहमति लेने के लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनके नाम पर आवश्यक समिति के साथ एकमत से सहमति बनी थी। हम यह आशा करते हैं कि सीनेट के सदस्य उनके नाम पर सहमति जता देंगें।

राजदूत ना होने से पड़ता है प्रभाव

पिछले कुछ समय से भारत और अमेरिका कई मंचों पर साथ आए हैं। ऐसे में दोनों के बीच राजनयिक गतिविधियां भी बढ़ीं हैं। भारत और अमेरिका, क्वाड (चार देशों का समूह), G-20 एवं अन्य कई समूहों में साथ ही हैं। ऐसे में दिल्ली में अमेरिका का राजदूत ना होने से दोनों देशों के बीच संवाद की समस्याएं आती हैं।

यह भी पढ़ें: G20 अध्यक्षता: केन्द्र सरकार ने बुलाई प्रमुख राजनीतिक दलों की बैठक

भारत इस साल G20 की मेजबानी भी कर रहा है, ऐसे में राजनयिक गतिविधियां और भी बढ़ीं हैं। अमेरिका का प्रतिनिधित्व दिल्ली में ना होने के कारण इस कार्यक्रम में जहाँ पर अमेरिका के सहयोग की आवश्यकता है, वहां संचार की एवं कूटनीतिक स्तर पर भी बाधा आती हैं।

भारत के पड़ोसी पाकिस्तान में भी अमेरिका के स्थायी राजदूत की नियुक्ति है। ऐसे में भारत में नियुक्ति ना होने पर बाइडेन प्रशासन कई बार कूटनीतिक विशेषज्ञों के सवालों के घेरे में आ चुका है। वह यह सवाल उठाते रहे हैं कि क्या बाइडेन प्रशासन भारत के प्रति गंभीर नहीं है?

Author

  • अर्पित त्रिपाठी
    अर्पित त्रिपाठी

    Awadhi living in the hills of Garhwal

    View all posts

Share. Facebook Twitter LinkedIn Email
अर्पित त्रिपाठी
  • Facebook
  • Twitter

Awadhi living in the hills of Garhwal

Related Posts

यूरोपीय देशों में गैर-टैरिफ उपायों से भारत के निर्यात पर संभावित जोखिमों का आकलन

September 25, 2023

जेपी मॉर्गन के भारत को इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा लाभ

September 25, 2023

‘हरामी’ से लेकर ‘मोदी की हत्या’ तक… संसद एवं राजनीतिक रैलियों में नफरती भाषा का जमकर हुआ है इस्तेमाल

September 23, 2023

तथाकथित तौर पर यंग किड स्टालिन का समर्थन कर राजनीतिक भविष्य जिंदा रखने का प्रयास करते कमल हासन

September 23, 2023

कर्नाटक में सियासी हलचल, जेडीएस ने थामा एनडीए का दामन

September 22, 2023

टीपू सुल्तान के फैन दानिश अली ने की न्याय की मांग, कभी ‘भारत माता की जय’ से हुए थे नाराज

September 22, 2023
Add A Comment

Leave A Reply Cancel Reply

Don't Miss
आर्थिकी

यूरोपीय देशों में गैर-टैरिफ उपायों से भारत के निर्यात पर संभावित जोखिमों का आकलन

September 25, 20232 Views

यूरोपिय संघ के कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) और अन्य नियमों के कारण यूरोपीय संघ को होने वाले भारत के निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है।

जेपी मॉर्गन के भारत को इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा लाभ

September 25, 2023

‘हरामी’ से लेकर ‘मोदी की हत्या’ तक… संसद एवं राजनीतिक रैलियों में नफरती भाषा का जमकर हुआ है इस्तेमाल

September 23, 2023

तथाकथित तौर पर यंग किड स्टालिन का समर्थन कर राजनीतिक भविष्य जिंदा रखने का प्रयास करते कमल हासन

September 23, 2023
Our Picks

‘हरामी’ से लेकर ‘मोदी की हत्या’ तक… संसद एवं राजनीतिक रैलियों में नफरती भाषा का जमकर हुआ है इस्तेमाल

September 23, 2023

तथाकथित तौर पर यंग किड स्टालिन का समर्थन कर राजनीतिक भविष्य जिंदा रखने का प्रयास करते कमल हासन

September 23, 2023

कर्नाटक में सियासी हलचल, जेडीएस ने थामा एनडीए का दामन

September 22, 2023

भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती का प्रतीकात्मक रूप है नया संसद भवन

September 22, 2023
Stay In Touch
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram
  • YouTube

हमसे सम्पर्क करें:
contact@thepamphlet.in

Facebook Twitter Instagram YouTube
  • About Us
  • Contact Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • लोकप्रिय
  • नवीनतम
  • वीडियो
  • विमर्श
  • राजनीति
  • मीडिया पंचनामा
  • साहित्य
  • आर्थिकी
  • घुमक्कड़ी
  • दुनिया
  • विविध
  • व्यंग्य
© कॉपीराइट 2022-23 द पैम्फ़लेट । सभी अधिकार सुरक्षित हैं। Developed By North Rose Technologies

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.