इन दिनों न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक चल रही है, बैठक में विश्व भर के नेताओं के बयान का दौर चल रहा है। इस बैठक में भारत की कूटनीति और बढ़ती वैश्विक ताकत का नजारा लगातार देखने को मिल रहा है।
पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों द्वारा भारत के प्रधानमंत्री मोदी का उल्लेख रूस-यूक्रेन युद्ध के सन्दर्भ में किया गया।अब मेक्सिको के विदेश मंत्री और अमेरिका के राष्ट्रपति बाईडेन ने भी भारत का समर्थन अंतर्राष्ट्रीय मंच पर किया है। मेक्सिको के विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को रूस यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए कमेटी में शामिल करने की बात कही।
क्या कहा वैश्विक नेताओं ने?
मेक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो इब्रार्ड संयुक्त राष्ट्र में हर साल सितम्बर माह में होने वाली बैठक में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए मेक्सिको के राष्ट्रपति की तरफ से एक कमेटी बनाने प्रस्ताव दिया जो कि शान्ति वार्ता करे। इस कमेटी में उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के अतिरिक्त पोप को शामिल करने की बात कही।
उन्होंने कहा, “मैं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुटेरेस से यह मांग करता हूँ कि शान्ति स्थापित करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाए जिसमें माननीय नरेंद्र मोदी और पवित्र पोप को शामिल किया जाए।”
कल अपने भाषण के दौरान ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कहा कि हम दुसरे लोकतांत्रिक देशों जैसे कि भारत, इजरायल, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहे हैं। इसमें उन्होंने भारत का नाम सबसे पहले लिया।
भारत की संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता को कई देशों का समर्थन
इन सब बयानों के बीच भारत की कूटनीतिक विजय एक और मोर्चे पर हुई है, लम्बे समय से चली आ रही भारत को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट देने की मांग को विश्व के कई प्रमुख राष्ट्रों का समर्थन हासिल हुआ है।
इस फेहरिस्त में सबसे पहला नाम अमेरिका का ही है, अमेरिका के राष्ट्रपति बाईडेन के महासभा के संबोधन के बारे में मीडिया को सूचना देते समय एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि हम भारत, जर्मनी और जापान जैसे देशों को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन करते हैं।
अगला नाम इस फेहरिस्त में पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा का है, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में सुधार करके भारत समेत और राष्ट्रों को स्थायी सदस्य बनाने की मांग को दोहराया। कोस्टा का भारत से विशेष सम्बन्ध है, उनके पिता के परिवार का सम्बन्ध गोवा से है। भारत के 2016 में दौरे के दौरान उन्होंने अपने पुश्तैनी घर को भी देखा था।
भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने भी 4 देशों (भारत, ब्राजील, जापान और जर्मनी) की एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया, यह चारों देश लम्बे समय से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहे हैं। युद्ध में फंसे यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लादिमीर जेलेंस्की ने भी अपने संयुक्त राष्ट्र के भाषण में भारत और अन्य देशों के लिए सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग की।
इसके अतिरिक्त भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए जोर लगाता रहा है, चीन को छोड़ कर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य भारत की इस मांग का समर्थन भी कर चुके हैं।
चीन आतंकियों को बचा रहा, यूक्रेन समस्या चिंता का विषय: जयशंकर
संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस की अध्यक्षता में यूक्रेन मामले एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने भी हिस्सा लिया। बैठक में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेन की समस्या पूरे वैश्विक समुदाय के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने आगे कहा कि इस युद्ध का असर इससे दूर के क्षेत्रों में भी है।
उन्होंने भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि इस हिंसा का तुरंत अंत हो और आपसी मुद्दों को बातचीत और राजनयिक समबन्धों के द्वारा सुलझाया जाए। उन्होंने लगातार जारी रूस-यूक्रेन के युद्ध के दौरान यूक्रेन के बुचा शहर में हुई हत्याओं पर कहा कि इसके गुनहगारों को सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने पाकिस्तानी आतंकियों के संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित करने वाले प्रस्तावों पर चीन के लगातार वीटो किए जाने के मुद्दे को भी बैठक में उठाया। उन्होंने कहा, “राजनीति का उपयोग जवाबदेही को दरकिनार करने में नहीं होना चाहिए, लेकिन हमने पिछले कुछ समय से ऐसा ही देखा है, जब हमने विश्व के कुछ दुर्दांत आतंकियों को प्रतिबंधित करने का प्रयास किया।”