केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार (23 फरवरी, 2023) को कॉन्ग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि; कॉन्ग्रेस किसी विचारधारा पर आधारित पार्टी नहीं है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि कॉन्ग्रेस की न तो कोई सांस्कृतिक विचारधारा है, न ही राष्ट्र के निर्माण या अर्थव्यवस्था से जुड़ी कोई विचारधारा।
अमित शाह बेंगलुरु में संवाद द्वारा आयोजित ‘भारतीय राजनीति – 65 वर्षों के परिदृश्य और मोदी जी के तहत प्रतिमान बदलाव’ सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “आज हम स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। यह हमारी यात्रा को देखने का समय है। वर्ष 1947 से 2022 तक हमने बहुत कुछ हासिल किया है और बहुत कुछ हासिल करना बाकी है।” गृहमंत्री अमित शाह ने इस दौरान केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के तहत हुए क्रांतिकारी बदलावों का श्रेय लोगों को दिया।
अमित शाह ने लोकतंत्र पर बात करते हुए कहा कि; देश की जनता गर्व से कहती है कि हम दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था हैं, पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र ही नहीं बल्कि लोकतंत्र की जननी है।
इस दौरान गृहमंत्री ने कॉन्ग्रेस का जिक्र करते हुए कहा, “कॉन्ग्रेस ने देश की आजादी में बड़ा योगदान दिया पर आज ये पार्टी पूरी तरह वंशवाद में उलझी हुई है। कॉन्ग्रेस पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो गया है। सभी समाजवादी दल धीरे-धीरे जातिवादी दलों में बदल गए और वंशवाद का उदाहरण बन गए हैं।”
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शाह ने कहा कि; कॉन्ग्रेस का जन्म किसी विचारधारा से नहीं हुआ है बल्कि ये मात्र बुद्धिजीवियों की संस्था रही है। देश के लिए उनके योगदान को मैं नकार नहीं रहा हूँ पर इनकी न तो कोई सांस्कृतिक विचारधारा रही है न ही राष्ट्र निर्माण और देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ी विचारधारा। कॉन्ग्रेस मात्र एक मंच के रूप में उपस्थित रही। स्वतंत्रता के लिए काम करने वाले लोगों ने इसे मंच के रूप में अपनाया था। इस तरह कॉन्ग्रेस को आजादी के लिए एक विशेष प्रयोजन वाहन कहा जा सकता है।
अमित शाह ने कहा कि; कॉन्ग्रेस परिवारवाद में डूबी हुई है और उसका कोई आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। समाजवादी पार्टी जातिवाद एवं पारिवारिक पार्टी बन चुकी है और माकपा की अर्थव्यवस्था के बारे में संकीर्ण सोच रही है पर भाजपा ने अपनी विचारधारा का पालन किया। पार्टी आज जहाँ है उसके पीछे वर्षों का संघर्ष है। पार्टी में लोकतंत्र जिंदा है जिसमें आज भी चुनाव के आधार पर फैसले होते हैं। पार्टी में स्पीकर का बेटा स्पीकर नहीं बनता।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि; कॉन्ग्रेस का उद्देश्य भारत को औपनिवेशकों से मुक्ति दिलाना था। इसके अलावा इसकी अन्य विचारधारा नहीं रही। महात्मा गांधी द्वारा आजादी के बाद कॉन्ग्रेस को भंग करने का आह्वान किया गया था। उनका कहना है कि भाजपा ने देश को जातिवाद, वंशवाद एवं तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्ति दिलवाई है।
इस दौरान अमित शाह ने विकास न करने को लेकर भी कॉन्ग्रेस को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि; राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में लंबे समय तक कॉन्ग्रेस ने शासन किया पर यहाँ पर कोई विकास कार्य न करवाने के कारण ये बीमारु राज्य बन गए। पर चारों राज्यों में बीजेपी की सरकार आने के बाद ये बीमारु राज्य की छवि से बाहर निकल पाए हैं।
अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 के बीच एक भी नई नीति का निर्माण नहीं किया गया। अगर सोनिया गांधी मनरेगा को नीति कहती है तो उनकी समझ पर मुझे दुख होता है क्योंकि मनरेगा एक कार्यक्रम है न कि कोई नीति। उन्होंने कहा कि सरकार भारत के विकास काल को दो भागों में विभाजित करके वर्तमान स्थिति का आकलन करेगी। आजादी के बाद से 65 वर्षों की अवधि और मोदी सरकार के 10 वर्ष।
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प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि उनके नेतृत्व में भारत ने दुनिया में अलग स्थान बनाया है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, जलवायु परिवर्तन के लिए लड़ाई, आपदा प्रबंधन के लिए एक प्रणाली स्थापित करना, योग दिवस मनाना और कोरोना के खिलाफ युद्ध और हर क्षेत्र में भारत ने दुनिया में अपनी नेतृत्व क्षमताओं का प्रदर्शन किया है।
अमित शाह ने कहा कि; हमें इस बात का अहसास होना चाहिए कि ये भारत की कहानी की शुरुआत है। वर्ष 2047 तक महान भारत का निर्माण उसी प्रकार निश्चित है जिस तरह सूर्य एवं च्रंदमा का अस्तित्व निश्चित है।
अमित शाह ने कोरोनाकाल में भारत के कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि; कोविड के बेहद चुनौतीपूर्ण समय के दौरान ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करवा पाने का अर्थ यह है कि अगर आपके पास उच्च संवेदनशीलता और दूरदृष्टि वाला नेता है तो देश में आयी आपदा को भी अवसर में बदल सकता है। प्रधानमंत्री के बारे में बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि; मोदी जी एक चाय विक्रेता थे। वे एक विनम्र पृष्ठभूमि से आते हैं। यही कारण है कि उनकी नीतियों में स्पष्टता नजर आती है। उन्हें गरीबी की समस्याओं से अत्याधिक सहानूभूति हैं और वे देश के अंतिम व्यक्ति के लिए काम कर रहे हैं। मोदी जी ने सत्ता में आने के बाद देश में सुधार एवं विकास सही मायने में सुनिश्चित किया है। स्वच्छ भारत अभियान इसका अच्छा उदाहरण है जिसके माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र को अप्रत्यत्र रूप से मजबूत किया गया है।
बीजेपी सरकार के कार्यों का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने बताया कि; जूट, दूध और दालें भारत में बड़े पैमाने पर पैदा होने वाले उत्पाद हैं। सभी निर्धनों को योजनाओं का लाभ मिले इसे ध्यान में रखकर सरकार नीतियां बना रही है। हमने स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास किया है। आज देश में खेलो इंडिया एवं फिट इंडिया जैसी योजनाएं संचालित हो रही हैं। सभी को सस्ती दरों पर दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही हैं। विधवाओं को लाभ दिया जा रहा है। यूक्रेन में फंसे नागरिकों को सरकार लेकर आई है। आतंकवाद और नक्सल गतिविधियों में कमी आई है। हमने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया है। रक्षा क्षेत्र का विकास किया गया है।
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उन्होंने कहा कि; जीएसटी हो या भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई, सरकार द्वारा ऐसे मुद्दों पर निर्णय लेना प्रतिरोध को जन्म देता है पर हमने कभी इसकी परवाह नहीं की। जनता के लिए काम किया और आगे बढ़ते रहे। शाह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा ऐसे फैसले नहीं लिए गए जिन्हें लोग अच्छा समझते थे बल्कि ऐसे फैसले लिए गए जो लोगों के लिए अच्छे हैं।
शाह का कहना है कि; भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा का महत्वपूर्ण स्तंभ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है। मैंने मणिपुर में कृष्ण को नृत्य करते देखा है, गुजरात में गरबा करते देखा है और भरतनाट्यम में कृष्ण की कहानियां सुनी हैं। यह हमारे भू-सांस्कृतिक राष्ट्र की सुदंरता का प्रतीक है।
सभा को संबोधित करते हुए शाह ने आह्वान किया कि हम सभी को यह सुनिश्चित करना है कि देश वर्ष 2047 में हर मामले में वैश्विक नेता बनकर उभरे। उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 से देश की यात्रा का पुनर्विचार करने का वक्त आ गया है। स्वतंत्र इतिहास में हर सरकार ने देश को आगे ले जाने का काम किया है। देश अब आजादी के 75 वर्षों के अमृतकाल में जी रहा है इसलिए हमें अपने महान लोकतांत्रिक मूल्यों का विश्लेषण करने की आवश्यकता है।