पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के मतदान आज से शुरू हो गए हैं लेकिन उससे से पहले राज्य के कई हिस्सों में हिंसा की ताजा घटनाएं सामने आई हैं। शनिवार के दिन बंगाल के कूचबिहार जिला स्थित फलीमारी में अज्ञात बदमाशों ने भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी। अब तक 11 से अधिक लोगों की मौत की खबर सामने आ चुकी है।
बंगाल के पंचायत चुनावों में 73,887 सीटों के लिए 2,00,000 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं। ममता बनर्जी की टीएमसी, भाजपा एवं कांग्रेस और वामदलों वाला गठबंधन इनमें प्रमुख दावेदार हैं। साल 2018 में पंचायत चुनावों के दौरान, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 34% सीटें हासिल करने में सफल रही थीं। हालाँकि, बंगाल चुनावों में हिंसा की घटनाओं में तब भी कुछ ऐसे ही दृश्य सामने आए थे, जिससे चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हुई थी।
माधव बिस्वास बीजेपी के पोलिंग एजेंट थे, जिन्हें एक टीएमसी के गिरोह ने कूचबिहार फालिमारी ग्राम पंचायत में मार दिया। इस घटना के कारण अब इस ग्रामपंचायत के चुनाव रद्द कर दिए गए हैं। एएनआई के अनुसार बीजीपी उम्मीदवार माया बर्मन का आरोप है, “टीएमसी के गुंडों ने मेरे एजेंट पर बम फेंका और उसे मार डाला। उन्होंने मेरे साथ भी मारपीट की।”
चुनाव आयोग के एक अधिकारी के अनुसार राज्य के विभिन्न इलाक़ों से बड़े पैमाने पर हिंसा, आगजनी और मतदान केंद्रों पर क़ब्जे की शिकायतें मिल रही हैं। प्रभावित इलाकों में तैनात राज्य पुलिस और केंद्रीय बल के जवान परिस्थिति पर काबू पाने के लिए जरूरी आवश्यक उठा रहे हैं।
लेकिन इससे पहले मुर्शिदाबाद जिले में तीन और लोगों की मौत हो गई, 8 जून को पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से कुल संख्या 23 हो गई। चुनाव में कई लोग मारे गए हैं- पश्चिम बंगाल में कई सारी चुनाव संबंधित हिंसा।
बंगाल के ग्रामीण जिलों की 73,887 सीटों के लिए मतदान हो रहा है, जिसमें 5.67 करोड़ मतदाता लगभग 2.06 लाख उम्मीदवारों के लिए वोट देंगे ।
इसके बीच इस घटना की तस्वीर भी सोशल मीडिया में सामने आयी :
भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि टीएमसी के नेतृत्व वाले प्रशासन के पूर्ण समर्थन से टीएमसी के गुंडे भाजपा उम्मीदवारों और उनके समर्थकों पर अत्याचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ”जब चुनाव आयुक्त और सरकार मिलकर यह निर्णय लेंगे कि सत्तारूढ़ टीएमसी चुनाव लूटेगी, तो अब जो हो रहा है वही होगा। यहां केंद्रीय बल आए लेकिन उन्हें बूथों पर नहीं भेजा गया… अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। एक तो टीएमसी के अंदर ही घमासान मचा हुआ है, दूसरा टीएमसी बीजेपी और अन्य पार्टियों पर हमलावर है। ऐसा लगता है कि यह चुनाव के नाम पर एक तमाशा है… हम इसे लोगों के लिए चुनाव नहीं कह सकते।”
भाजपा उम्मीदवार माया भौमिक सरकार के अनुसार, वोट बक्सों का निरीक्षण करने का काम चल रहा था, तभी तृणमूल कार्यकर्ताओं के एक गिरोह ने बूथ पर धावा बोल दिया और विस्फोटक फेंक दिया। वे भाजपा प्रत्याशी की तलाश में थे। माधव विश्वास बीजेपी के पोलिंग एजेंट हैं। इस बीच, जब उन्होंने बूथ से भागने का प्रयास किया, तो उस समय उन्हें गोलियों और विस्फोटकों से मार दिया गया।
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान कूचबिहार जिले में दिनहाटा के बारानाचिना में एक मतदान केंद्र पर कथित तौर पर फर्जी मतदान से नाराज मतदाताओं ने मतपेटी में आग लगा दी।
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी एक ऐसा ही वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडे खुलेआम बंदूकें लहरा रहे हैं। सुबह से नौ लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने इसका जिम्मेदार ममता बनर्जी को ठहराया है।
पंचायत चुनाव के बीच जारी है हिंसा
टीएमसी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में शनिवार सुबह रेजीनगर, तूफानगंज और खारग्राम में मतदान शुरू होने के बाद कई घटनाओं में उसके तीन पार्टी कार्यकर्ताओं की मौत हो गई, जबकि डोमकोल में दो लोग गोली लगने से घायल हो गए।
मुर्शिदाबाद के खारग्राम में टीएमसी कार्यकर्ता सतेशुद्दीन शेख (52) की हत्या कर दी गई। उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल लाया गया है।
मतदान से पूर्व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी को तृणमूल समर्थकों ने घेर लिया, जब वह इलाके में गश्ती कर रहे थे। तृणमूल के समर्थकों को देख अधिकारी अपनी कार में बैठ गए।
लोगों का प्रदर्शन
राज्य भर में पंचायत चुनाव के लिए मतदान के दौरान हिंसा की घटनाओं के बीच, पश्चिम बंगाल भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में राज्य चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
लोगों की सुरक्षा का इंतज़ाम
आपको बता दें कि लोगों की सुरक्षा और चुनाव के लिए 70,000 राज्य पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बलों की कम से कम 600 कंपनियां तैनात की गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ, जिसमें राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लगभग 5.67 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र हैं।
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