आयकर चोरी के आरोपों से लगातार इनकार करने वाली ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने आख़िरकार भारत में टैक्स चोरी के आरोपों को स्वीकार कर लिया है। ये मामला आयकर विभाग द्वारा इसी साल की शुरुआत में बीबीसी के दिल्ली एवं मुंबई स्थित दफ़्तरों में किए गए टैक्स सर्वे से जुड़ा है।
आयकर विभाग के इस सर्वे में बीबीसी द्वारा साल 2016 से टैक्स चोरी पकड़ी गई थी। बीबीसी पहले इन आरोपों से ख़ुद को किनारे करता रहा लेकिन अब मीडिया कंपनी ने इन आरोपों को स्वीकार कर लिया है। बीबीसी ने माना है कि उसने साल 2016 से ही अपनी देनदारी से कम आयकर जमा किया है। इनकम टैक्स विभाग के सर्वे के बाद अब बीबीसी ने शेष आयकर अदा करने की अनुमति माँगी है। हालाँकि इसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
ग़ौरतलब है कि फरवरी, 2023 में आयकर विभाग ने ब्रिटिश मीडिया बीबीसी पर शिकंजा कसा था और बीबीसी के दिल्ली एवं मुंबई के दफ्तर आयकर विभाग के सर्वे के दायरे में आ गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, बीबीसी ने लगभग 6 वर्षों की अवधि (2016 से 2022 तक) में तय राशि से 40 करोड़ रुपए कम जमा किए थे।
आयकर विभाग के सर्वे के दौरान बीबीसी ने कहा था कि वह भारतीय अधिकारियों के साथ सहयोग करेगा, लेकिन इसी बीच सर्वेक्षण के दौरान कई लोगों ने इस कदम को लेकर भारत सरकार की आलोचना भी की थी। वहीं कई पत्रकारों ने दावा किया था कि बीबीसी को अपना काम करने के लिए अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा था। कई लोगों ने आरोप लगाया कि यह गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्युमेंट्री जारी होने के बाद बदले की भावना से किया गया सर्वे था, हालाँकि अब बीबीसी की स्वीकृति ने इन सभी सवालों का जवाब स्वयं दे दिया है।
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