भारत ने 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) को ‘Letter of Intent’ भेजा है। दावेदारी को आकर्षक बनाने के लिए भारत की ओर से धार्मिक विविधता से लेकर प्राचीन रेशम और मसाला मार्ग पर देश की रणनीतिक स्थिति को पेश किया है।
देश में ओलंपिक का आयोजन करवाने के लिए सरकार उत्साहित लग रही है और हो भी क्यों नहीं? ओलंपिक देश में खेल और आर्थिक क्षेत्र में उछाल ही नहीं बल्कि अन्य देशों के साथ सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभाव साझा करने का शानदार अवसर देता है।
भारत को अपने दावेदारी पर सउदी अरब और कतर जैसे देशों से चुनौती का सामना करना पड़ सकता है पर बढ़ते वैश्विक प्रभाव, अर्थव्यवस्था को देखते हुए यह नामुमकिन नहीं लगता। तो आइए जानते हैं कि भारत सरकार ओलंपिक आयोजन के लिए किस तरह अपनी दावेदारी मजबूत कर रही है-
भारत की पहचान इसकी संस्कृति औऱ सभ्यता के बिना नहीं हो सकती। इसलिए दावेदारी में विशाल सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हुए बताया गया है कि “हमारा समाज हिंदू धर्म, इस्लाम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन सहित कई धर्मों का मिश्रण है, जिनमें से प्रत्येक धर्म हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और समाज में योगदान देता है।”
भारत हमेशा से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना प्रसारित करना आया है – जिसका अर्थ है ‘दुनिया एक परिवार है’ – और सभी देशों के बीच शांति, मित्रता और सामूहिक प्रगति के अवसर सुनिश्चित करना। भारत की ये बिड दुनिया की एक जरूरत है जबकि वैश्विक स्तर पर देश तनाव और युद्ध का सामना कर रहे हैं।
ओलंपिक का भारत में होना दुनिया के लिए दिलचस्प रहेगा। आखिर प्राचीन रेशम और मसाला मार्ग के चलते भारत फारस, चीन, मध्य एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप के यात्रियों के कभी अनजान नहीं रहा बल्कि इसने सांस्कृतिक दूरी को खत्म कर दिया है।
भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने के लिए आदर्श है। साथ ही अगर भारत में ये खेल आयोजित होता है तो वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर देश का प्रभाव निरंतर बढ़ता रहेगा।
इसके साथ ही भारत ने IOC को बताया है कि देश में 25 वर्ष से कम आयु के करीब 600 मिलियन से अधिक भारतीय हैं जिनका योगदान अतुलनीय होगा। ये युवा शक्ति भारत के आर्थिक विकास के वर्तमान चरण में, खेल रोजगार सृजन और व्यावसायिक अवसरों के लिए एक शक्तिशाली बल के रूप में काम करेगी, विशेष रूप से खेल बुनियादी ढांचे, सेवाओं और पर्यटन से जुड़े क्षेत्रों में।
तो आपने देखा कि कैसे भारत सरकार देश के सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को आगे रखकर देश में ओलंपिक खेवों के लिए रास्ता बना रही है। बेशक देश में ये खेल आयोजन हुआ तो दुनिया को प्रत्यक्ष रूप से भारत की समृद्ध संस्कृति और मेज़बानी अनुभव करने का अवसर प्राप्त होगा।
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