पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान द्वारा युद्ध विराम संधि को समाप्त करने के ठीक एक दिन बाद यानी आज बुधवार (30 नवम्बर, 2022) को बलूचिस्तान के क्वेटा क्षेत्र में एक आत्मघाती हमला सामने आया है।
क्वेटा के बालेली इलाके में बलूचिस्तान कांस्टेबुलकी ट्रक के पास हुए इस हमले में तीन नागरिक मारे गए, जिनमें एक महिला और बच्चा भी शामिल था। इसके अलावा एक पुलिस अधिकारी की भी मृत्यु हुई है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बलूचिस्तान स्वास्थ्य विभाग के मीडिया प्रभारी के हवाले से बताया है कि इस हमले में 27 लोग घायल हुए हैं। जिनमें पुलिस के 20 जवान जबकि अन्य पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं।
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकवादी गुट तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने ले ली है। डॉन अखाबर के मुताबिक यह विस्फोट उस समय हुआ जब एक पुलिस ट्रक एक पोलियो कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जा रहा था।
स्थानीय मीडिया के अनुसार इस हमले में तकरीबन 25 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। यह हमला इतना जोरदार था कि विस्फोट होते ही पुलिस ट्रक पलटकर खाई में गिर गया।
टीटीपी ने रद्द की युद्ध विराम संधि
पाकिस्तानी तालिबान के नाम से पहचाने जाने वाले तहरीक-ए-तालिबान ने पाकिस्तान सरकार के साथ की हुई युद्ध विराम संधि बीते सोमवार यानी 28 नवम्बर, 2022 को रद्द कर दी।
टीटीपी ने आधिकारिक घोषणा कर कहा था कि उसके लड़ाके अब पूरे पाकिस्तान में तालिबानी हमले बढ़ाएँगे।
गौर करने वाली बात यह है कि टीटीपी का युद्ध विराम संधि रद्द करने का ऐलान ठीक उस दिन होता है, जिस दिन कमर जावेद बाजवा का पाकिस्तान के आर्मी चीफ के रूप में कार्यकाल समाप्त होता है और नए आर्मी चीफ आसिम मुनीर अपना पद संभालते हैं।
अलकायदा के आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर पश्तून बाहुल्य इलाकों में किए जा रहे हमलों से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ इन इलाकों में सशस्त्र प्रतिरोध की परिस्तिथियाँ उत्पन्न हुई हैं।
साल 2007 से ही कुछ अरब और पश्तून लड़ाकों ने मिलकर एक अलग तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान नाम से पाकिस्तान की सेना के खिलाफ एक संगठन तैयार किया।
तहरीक-ए-तालिबान अब तक पाकिस्तान में कई हमलों को अंजाम दे चुका है। इनमें से कुछ बड़े हमलों में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल हमला शामिल है, जिसमें तकरीबन 150 बच्चों ने अपनी जान गँवाई थी।
बीते साल अगस्त में अमेरिका के अफ़ग़ानिस्तान से जाने के बाद से टीटीपी की सक्रियता और अधिक बढ़ गई है।
अफ़ग़ानिस्तानी तालिबान द्वारा टीटीपी और पाकिस्तानी सरकार के बीच शान्ति वार्ता का प्रयास इस साल के शुरुआत में किया गया था। जून के महीने में दोनों के बीच एक युद्ध विराम संधि भी हुई थी।
हालाँकि इससे पहले भी सितम्बर 2021 में दोनों पक्षों के बीच युद्ध विराम संधि हुई थी जो दिसम्बर आते-आते रद्द हो गई।
टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना पर संघर्ष विराम तोड़ने का आरोप लगाया है। टीटीपी का कहना है कि पाकिस्तानी सेना ने उसके सदस्यों को हिरासत में लिया है, जबकि युद्धविराम की बात हुई थी। टीटीपी ने केपीके के साथ एफएटीए के विलय के फैसले को वापस लेने की अपनी माँग को पूरा करने में विफल रहने के लिए भी पाकिस्तान को दोषी ठहराया है।
पाकिस्तान एक ओर जहाँ भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उस पर हालिया बाढ़ से पाकिस्तान की हालात और भी ज्यादा खस्ता हो गई है।
ऐसे में एक ओर पश्तून समुदाय के साथ पाकिस्तान सरकार का संघर्ष और दूसरी ओर टीटीपी जैसे आतंकवादी गुट के साथ खूनी संघर्ष के बीच पाकिस्तान के सामने अपने अस्तित्व का संकट गहराता जा रहा है।