समाजवादी पार्टी के नेता अक्सर अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहते हैं। सपा नेता आजम खान ने एक बार फिर विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि “भगवान जब भी बदला लेते हैं तो वो सबसे खतरनाक होता है। अब राजीव गांधी को ही देख लीजिए जिनके पास एक समय सबसे अधिक सांसद थे पर जब वे खत्म हुए तो उनके शरीर का एक टुकड़ा भी नहीं मिला।”
आजम खान ने अपने भाषण में कहा कि “उन्होंने इंदिरा गांधी का दौर देखा है। तब राजीव गांधी की सरकार में सबसे अधिक सांसद थे पर देखिए उनके शरीर का एक टुकड़ा भी नहीं मिला। संजय गांधी जैसे लोग आसमान में उड़ते हैं और टुकड़ों में मिलते हैं।”
इसी बीच भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए आजम खान ने कहा कि “एक बार सरकार बदलने के बाद बड़ी रेखा खीचीं जाएगी।” अपने राजनीतिक जीवन और प्रशासनिक तंत्र को लेकर आजम खान का कहना है कि “उनके 40-42 वर्षों के राजनीतिक जीवन का अनुभव है कि यह पुलिसवाले बदल जाएंगे।”
उन्होंने उत्तर प्रदेश की क़ानून व्यवस्था को चुनौती देते हुए कहा कि “जिन पुलिसवालों ने तुम्हारे घर के दरवाजे तोड़ दिए हैं और जिन्होंने तुम्हे ठोकर मारी वे यहाँ खड़े होकर तुम्हे इस बूट से सलाम करेंगे।”
बता दें कि खान समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार फातिमा जबी के लिए प्रचार कर रहे थे। फातिमा रामपुर नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रही है। पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार करते हुए उन्होंने यह विवादित बयान दे दिया।
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उल्लेखनीय है कि आजम खान पर वर्ष 2017 के बाद से 90 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में कानून व्यवस्था को लेकर आजम खान ने पुलिस वालों पर अपना बयान जारी किया है। इससे पहले भी उन पर कई भड़काऊ भाषण को लेकर मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
वहीं इससे पहले अक्टूबर में एक अदालत द्वारा नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में तीन वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद राज्य विधानसभा सचिवालय से पहले ही अयोग्य भी घोषित हो गए थे। वहीं, अप्रैल, 2019 में एक चुनावी सभा के दौरान रामपुर में तैनात प्रशासनिक अधिकारियों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाने के मामले में भी उन पर मामला दर्ज है।
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आजम खान अपने कार्य से अधिक भड़काऊ भाषण से चर्चा में रहते हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलत कोतवाली क्षेत्र के खटानगरिया गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भड़काऊ भाषण देने का भी मामला उन पर दर्ज है। वहीं, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मई, 2022 में आजम खान को वक्फ बोर्ड की जमीन पर गलत कब्जे से संबंधित एक मामले में अंतरिम जमानत दी थी।