भारत में विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। इसका ताजा उदाहरण केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा दिया गया एक आँकड़ा है। आँकड़े के अनुसार 19 फरवरी, 2023 के दिन देश में कुल 4,44,845 लोगों ने हवाई यात्रा की।
यह देश में हवाई यात्रियों की आवाजाही का एक रिकॉर्ड है। घरेलू विमान सेवा क्षेत्र में कोरोना महामारी से पहले हवाई यात्रियों की एक दिन की सबसे अधिक संख्या 3.98 लाख थी।
इसके अतिरिक्त, बीते कुछ दिनों से भारत की एयर इंडिया द्वारा विश्व की दोनों बड़ी एयरक्राफ्ट निर्माता कम्पनियों को दिए गए ऐतिहासिक 470 विमानों के ऑर्डर की चर्चा हो रही है।
टाटा समूह के स्वामित्व की कंपनी द्वारा दिए गए इस ऑर्डर के कारण अधिकांशतः अमीरों के विषय कह दिए जाने वाले एविएशन क्षेत्र और उसके तेजी से प्रसार पर बहस भी चालू हुई है।
एयर इंडिया द्वारा यह खरीददारी मात्र एक बिजनेस डील नहीं बल्कि भारत के एविएशन क्षेत्र के भविष्य के विषय संकेत देती है। पिछले कुछ समय में भारत में लगातार घरेलू (डोमेस्टिक) हवाई यात्रा को बढ़ावा देने के प्रयास किए गए हैं। इनमें नए एयरपोर्ट का निर्माण, नए उड़ान रूट्स का खोला जाना, एयरलाइन्स और यात्रियों के लिए सुविधाओं को बढ़ाने समेत अन्य कई प्रयास शामिल हैं।
बड़ी संख्या में एअर इंडिया द्वारा एयरक्राफ्ट खरीदने के पीछे उसके स्वयं के विस्तार की योजना के अतिरिक्त भारतीय एविएशन बाजार का लगातार बढ़ना भी है। पिछले कुछ सालों में भारत के हवाई सेवा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आया है जिसमें एयरपोर्ट से लेकर यात्रियों को सस्ती हवाई यात्राएं उपलब्ध कराने के लिए योजनाओं समेत अन्य कई प्रयास शामिल हैं।
कितना बदला एविएशन क्षेत्र?
पिछले कुछ सालों में एविएशन क्षेत्र में तेज विकास न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती का प्रमाण है बल्कि अर्थव्यवस्था की बदलती सूरत का भी इस से अंदाज़ा मिलता है।
एक आँकड़े के अनुसार, वर्ष 2014-15 से वर्ष 2019-20 के बीच हवाई यात्रियों की संख्या में 14.5% की चक्रवृद्धि दर से गति हुई है। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण इस पूरे उद्योग पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा है लेकिन अब स्थिति सामान्य हो रही हैं।
यह भी पढ़ें: एअर इंडिया की ऐतिहासिक 470 एयरक्राफ्ट खरीदने की डील: अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस ने जताई खुशी
हवाई यात्रियों की संख्या कोरोना महामारी से पहले की संख्या के बराबर पहुँच रही है। वर्ष 2014 में भारत में हवाई यात्रा करने वालों की संख्या (घरेलू) 6.7 करोड़ थी, वर्ष 2022 में यह संख्या बढ़ कर 12.3 करोड़ से भी अधिक हो चुकी है। यानी, मात्र 8 वर्षों के भीतर यह आँकड़ा दोगुना हो चुका है। वहीं अगर देश में चालू एयरपोर्ट की संख्या देखें तो वर्ष 2014 में यह 74 थी जो अब बढ़ कर 147 हो चुकी है।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में देश में 220 एयरपोर्ट चालू किए जाएं। इसके लिए सरकार बड़े स्तर निवेश कर रही है। भारत में एविएशन क्षेत्र के प्रतिवर्ष 14-15% की गति से बढ़ने के आसार हैं। घरेलू हवाई यात्रा के क्षेत्र में पिछले कुछ समय का सबसे महत्वपूर्ण कदम केंद्र सरकार द्वारा चालू की गई उड़ान योजना है।
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि मेरा लक्ष्य है कि हवाई चप्पल पहनने वाले व्यक्ति भी हवाई यात्रा करे। इस योजना के पीछे सरकार का लक्ष्य आम आदमी तक हवाई सेवाएं पहुंचाना था।
लोकसभा में दिए गए एक उत्तर के अनुसार, उड़ान योजना के प्रारम्भ होने के बाद से अब तक इसके अतंर्गत 73 रूटों को जोड़ने वाले 461 रूटों को चालू किया जा चुका है।
सरकार ने उड़ान स्कीम को लांच करने के साथ ही देश एक उन हिस्सों में हवाई सेवाएं चालू की हैं जो दूर-दराज क्षेत्रों में स्थित हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण सिक्किम का पाक्योंग एयरपोर्ट और अरुणाचल का ईटानगर एयरपोर्ट है।
यह भी पढ़ें: एयरो इंडिया शो में HAL ने कराई ‘मारुत’ के उत्तराधिकारी के रूप में ‘गदाधारी हनुमान’ की एंट्री
लोकसभा में दिए गए एक जवाब के अनुसार, केंद्र सरकार अब तक 21 नए एयरपोर्ट के निर्माण के निर्माण को मंजूरी दे चुकी है। इनमें से 9 एयरपोर्ट चालू किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में कुशीनगर, गोवा में मोपा, महाराष्ट्र में शिरडी जैसे नए एयरपोर्ट इसके कुछ उदाहरण हैं।
सरकार द्वारा बड़ी संख्या में नए एयरपोर्ट का निर्माण एवं नए रूटों का खोलना भी एयरलाइन्स के बड़े पैमाने पर नए हवाई जहाज खरीदने और अपने विस्तार करने के पीछे का बड़ा कारण है।
एअर इंडिया ही नहीं, बाक़ी एयरलाइन भी हैं दौड़ में
भारत के घरेलू हवाई क्षेत्र में इंडिगो का सबसे अधिक लगभग 55% हिस्सा है, जबकि टाटा समूह की कम्पनियों एयर एशिया, विस्तारा और एअर इंडिया का लगभग 25% हिस्सा है।
जहाँ एअर इंडिया के माध्यम से टाटा ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना हिस्सा बढ़ाने की और कदम बढ़ाया है वहीँ इंडिगो एवं अन्य कम्पनियां भी आगे की तैयारियों में जुटी हुई हैं।
यह भी पढ़ें : सिर्फ शो नहीं, भारत की ताकत का प्रदर्शन है एयरो इंडिया 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
इंडिगो ने भी वर्ष 2019 में 300 नए एयरक्राफ्ट का ऑर्डर एयरबस को दिया था, इसके अतिरिक्त वह 200 और विमानों का भी ऑर्डर दे चुकी है। इंडिगो के सीईओ ने एक साक्षात्कार में बताया है कि वर्ष 2027 तक उनके द्वारा दी गए आर्डर से उन्हें पर्याप्त संख्या में विमान मिलते रहेंगे।
इसके अतिरिक्त भारतीय बाजार में पिछले वर्ष ही सेवाएं शुरू करने वाली अकासा एयर ने 72 विमानों का आर्डर अमेरिका की बोईंग को दिया हुआ है। अकासा भी कम दामों में हवाई सेवाएं उपलब्ध कराने के क्षेत्र में तेजी से काम कर रही है। अकासा के अधिकारियों ने कहा है कि वह आने वाले समय में इससे भी बड़ी संख्या में विमान खरीदेंगें।
ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकाँश कम्पनियां आने वाले समय में भारत में एविएशन क्षेत्र को और बड़ा होते देख रही हैं और इसीलिए उसी के अनुकूल अपनी तैयारियां भी कर रही हैं।