Author: सम्पादकीय
लोकतंत्र में जिस विपक्ष के हितों पर लगातार प्रहार करने का आरोप मोदी और उनकी सरकार पर राहुल गांधी, उनकी पार्टी और उनका परिवार लगाता रहता है, वह विपक्ष अपने लिए विदेशों में कौन सा स्पेस तलाश रहा है?
संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले मणिपुर में दो में से एक समुदाय यानी कथित कुकी समुदाय की दो महिलाओं को सड़कों पर नग्न घुमाने का एक वीडियो सामने आया।
बेंगलुरु की मीटिंग के बाद जिस बात की सबसे अधिक चर्चा रही वह रहा गठबंधन का नाम। इण्डियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायन्स, यानी INDIA
राहुल गांधी के लिए अपने राजनीतिक जीवन के आठ वर्ष एक वृहद् समाज के सभी सदस्यों के लिए कहे गए अपशब्दों से अधिक प्यारे हैं।
10 जुलाई को 5 जिलों के 697 केंद्रों पर फिर से मतदान कराए गए, यह बात और है कि जिन केंद्रों पर मतदान कराए गए उनके ऐसे चुनाव का आधार क्या था
धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के प्रश्न पर किसी अपराध बोध से ग्रस्त नहीं है भारत
अल्पसंख्यकों के प्रश्न पर पीएम मोदी सच बोल रहे थे। अपराध बोध से ग्रस्त अमरीकियों की दृष्टि नहीं है कि वे उस सच को देखें और स्वीकार करें।
राहुल गांधी ने उनकी बात ध्यान से सुनी। बोले; देखिए, जॉर्ज सोरोस कहते हैं कि डेमोक्रेसी इज अ माइंड ऑफ़ स्टेट! सॉरी सॉरी .. डेमोक्रेसी इज अ स्टेट ऑफ़ माइंड!
न्यायपालिका के लिए भी यह समझना कठिन क्यों है कि जिस स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए वह केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दे रहा है, वह पूरी चुनावी प्रक्रिया का मात्र एक पहलू है।
अब जैक डोर्सी ने एक तिनका पकड़ा दिया है। विपक्ष भी बड़े आराम से डोर्सी द्वारा सरकाये गए तिनके को पकड़ कर ख़ुश हुआ जा रहा है। शायद यह सोच कर कि पंद्रह दिन तैरने की व्यवस्था हो चुकी है।
पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार चूंकि बिना कांग्रेस के समर्थन से चली इसलिए कांग्रेस वाजपेयी का समर्थन वापस लेकर बीच में नहीं गिरा सकी।