Author: Shobhit Chandola

मोरबी, मच्छु और मोदी। ये तीनों नाम एक ही पंक्ति में आयें तो कोई हैरानी वाली बात नही होगी। दरअसल मोरबी ही उन जगहों में से एक है जहां से नरेंद्र मोदी ने अपने सार्वजनिक जीवन में एक नया बदलाव देखा। उन दिनों मोदी आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक थे । जिस समय ओवेरफ़्लो के कारण ये बांध तबाह हो गया था, मोदी वरिष्ठ नेता नानाजी देशमुख के साथ चेन्नई प्रांत में शाखा में थे। जैसे ही उन्हे स्थानीय संघ कार्यकर्ताओं से इस दुखद खबर का पता चला, वे  तुरंत गुजरात लौटे और राहत बचाव कार्य में बड़े साहस से हिस्सा लेने लगे ।

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पहाड़ मे जिस वसंत का आगमन बसंत पंचमी से होता है, वो होली में विदा ले लेता है। इसके कुछ क्षण बाद तमाम तैयारियों और सजावट से एक सौंदर्यविषक पर्व आता है, इस पर्व का नाम है फुलदेई

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आज भारतीय सिनेमा के महानतम निर्देशकों में से एक दादासाहेब फाल्के की पुण्यतिथि है। दादासाहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जनक भी कहा गया है।

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इस जर्सी के हरे रंग के पीछे का कारण विचलित करने वाला है। यह सब सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है। हरा रंग इस परिपेक्ष में मात्र एक रंग नहीं बल्कि एक एजेंडा है। या कहें कि सॉफ्ट एजेंडा!

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जिसके बिना फ़्रांस की फाइनल पहुँचने के परिकल्पना करना भी शायद मुश्किल होता। जिसने फ़्रांस के लिए अपना खेल स्थान तक परित्याग कर दिया था । वो नाम?  ग्रीज़मन्न, ‘अंत्वान ग्रीज़मन्न’! (Antoine Griezmann)

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एक चौथी दीपावली भी होती है। नाम है – ‘रिख बग्वाल’ जो बूढी दिवाली भी कही जाती है और आती है दीवाली के ठीक एक महीने बाद।

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The Wire स्वतः अपने लेख में कहता है कि  एक अज्ञात तत्त्व जो कि क्रिंज आर्किविस्ट @cringearchivist के हैंडल से इंस्टाग्राम चलता है, उसने प्रभाकर मौर्य पर मीम बनाया।

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