Author: प्रहलाद सबनानी
यूएस फेड दर में 50 आधार बिंदुओं की कमी की गई है। इससे अन्य कई देश भी ब्याज दरों में कमी की घोषणा कर सकते हैं।
आर्थिक विकास को गतिशील बनाए रखने के उद्देश्य से आज हिंदू सनातन संस्कृति के संस्कारों को आज पूरे विश्व में फैलाने की महती आवश्यकता है।
विश्व के कई देशों में भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर ईर्ष्या की भावना विकसित होती दिखाई दे रही है, जिसके कारण वे भारत के लिए समस्याएं खड़ी करने का प्रयास कर रहे हैं।
बजट का गहराई से अध्ययन करने पर ध्यान में आता है कि केंद्र सरकार ने अब भारत में रोजगार के अधिकतम अवसर निर्मित करने की ठान ली है।
प्राचीन भारत में धार्मिक आयोजनों से अर्थव्यवस्था को बल मिलता रहा है इसलिए उस कालखंड में धार्मिक आयोजन निरंतर होते रहे हैं।
सनातन हिंदू संस्कृति में “वसुधैव कुटुम्बकम” एवं “सर्वे भवंतु सुखिन:” का भाव हिंदू नागरिकों में बचपन से ही भरा जाता है।
भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड किया जा सकता है, जो कि वर्तमान में BBB- है, जो निवेश के लिए सबसे कम रेटिंग की श्रेणी में गिनी जाती है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूजनीय प्रथम संघचालक डॉक्टर हेडगेवार ने वर्ष 1920 के पूर्व ही पूंजीवाद से उत्पन्न होने वाले खतरों को पहचान लिया था।
आज विश्व की कुल जनसंख्या 810 करोड़ है और विश्व पर कुल ऋण की राशि 320 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर है।
GST लागू होने के 6.5 वर्षों बाद आज देश में अप्रत्यक्ष कर संग्रहण में लगातार हो रही तेज वृद्धि से सुखद परिणाम दिखाई देने लगे हैं।