Author: अभिषेक सेमवाल
बस स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के बदले उनके बेटे अखिलेश मौजूद थे और लालू के बेटे तेजस्वी का नाम उस लिस्ट में नया जोड़ना पड़ा। सोनिया-राहुल भी खुश थे कि लालू भी उन्हें समर्थन देने पहुंचे हैं। अब बेल पर छूटे अपराधियों में वे अलग-थलग नहीं पड़ेंगे
कुछ भी हो लेकिन आज दिल्ली जब मुसीबत में है तो अरविन्द केजरीवाल को राजघाट पर जाना चाहिए। तैरकर या डूबकर नहीं बल्कि NDRF की मदद ले सकते हैं वही NDRF जो इस समय कश्मीरी गेट पर रेस्क्यू मिशन चला रहा है।
पटना में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने से प्रदेश भाजपा के जहानाबाद जिला के महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गई। खबर के अनुसार पुलिस ने विजय कुमार के सिर पर लाठी से वार किया था। लाठी खाने के बाद वे सड़क पर गिर गए। खबर के अनुसार गिरने के बाद भी पुलिस उनपर लाठियां बरसाती रही। गंभीर रूप से घायल अवस्था में उन्हें तारा नर्सिंग होम भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। भाजपा विधानसभा तक मार्च निकाल रही थी। यह मार्च अभ्यर्थियों के…
क्या आम आदमी पार्टी से इसकी वसूली नहीं की जानी चाहिए? जब पंजाब में आम आदमी पार्टी गैंगस्टर मुख़्तार पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा खर्च की गयी राशि, उन्हीं से वसूल सकती है तो ये मापदंड दिल्ली में क्यों नहीं अपनाया जा सकता?
इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल और तेजस्वी यादव भ्रष्टाचार के ताज़ा आरोपों के नीचे हैं। केजरीवाल ने कांग्रेस के खिलाफ जगह जगह मोर्चा खोल रखा है
देश की कुछ विविधताओं को देखते हुए यह भी प्रतीत होता कि विविधता सदैव सुन्दर नहीं होती है। खासकर मजबूरी में फॉलो की जा रही विविधता। यह समाप्त की जानी चाहिए।
कांग्रेस के नेताओं ने जानबूझ कर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले, फंसे कर्जों और राइट-ऑफ (बट्टे खाते) पर देश को गुमराह करने की कोशिश की
यह सब जिस सत्ता के लिए हो रहा है लोगों का उस सत्ता तक पहुंचने के बाद कैसा कार्यकाल होगा यह अंदाज़ा लगाना किसी के लिए मुश्किल नहीं है।
वैसे भी कांग्रेस अपनी लड़ाई दक्षिण भारत के राज्यों में ही देख रही है। ये हम, भारत जोड़ो यात्रा के समय भी देख चुके हैं जब राहुल गाँधी ने अधिकतर समय सिर्फ दक्षिण के राज्यों में दिया।
अहमद पटेल ने तीस्ता को गुजरात में इस तरह से काम करने के लिए कहा कि नरेंद्र मोदी जेल चले जाएं और उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हो जाए।