Author: अभिषेक सेमवाल
अडानी, SEBI और हिंडनबर्ग के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित कमेटी ने जबसे अपनी अंतरिम रिपोर्ट में SEBI की भूमिका पर अडानी को क्लीन चिट दी उसके बाद से राहुल गांधी की ज़ुबान पर अड़ानी का नाम नहीं आया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदू हित की बात के महत्व को देश के सामूहिक मानस पटल पर उकेर दिया है
वडनगर के गरीब परिवार में पैदा हुआ नरेंद्र आज महलों की आदत और महलों से राजनीति करने वालों को चौराहे और सड़क की राजनीति करने पर मज़बूर कर चुका है।
हमें वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता का ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित एक लेख मिला। ये वही लेख है, जिसमें वर्ष 2011 में शेखर गुप्ता इस बात का खुलासा कर चुके थे कि इस बॉम्बिंग में सुरेश कलमाड़ी और राजेश पायलट शामिल थे।
लोकसभा से अपने निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ‘नीरव’ का मतलब चुप रहना है और उनका इरादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करना नहीं था।
मुरादाबाद दंगे: मुस्लिम लीग ने करवाया था नरसंहार, 43 वर्ष बाद सामने आया सच, 14 बार रोकी गई फाइल
1980 के मुरादाबाद दंगे में मुस्लिम समुदाय की ओर से पुलिस पर भी आरोप लगाए गए थे। इसके बाद हालात ऐसे बने कि कई वर्षों तक मुस्लिम इलाकों में PAC की तैनाती पर अघोषित पाबंदी रही। आयोग ने जांच में पाया कि ज्यादातर मौतें पुलिस फायरिंग में नहीं, बल्कि भगदड़ से हुई थी।
सोशल मीडिया पर सरकार-विरोधी विचारधारा से जुड़े कई लोगों ने कॉन्ग्रेस, समाजवादी पार्टी, राजद जैसे राजनैतिक दलों से अपील की है कि वे अपने प्रवक्ता टीवी और समाचार चैनल्स की डिबेट में भेजना बंद कर दें।
लेखिका और ‘पत्रकार’ सागरिका घोष, जो होली पर महिलाओं पर वीर्य से भरे गुब्बारे फेंके जाने की फर्जी खबर फैलाने के लिए कुख्यात हैं, ने भी दावा किया कि यह घटना एक ‘हेट क्राइम’’ थी, हालांकि न तो पुलिस के बयान और न ही एफआईआर कॉपी में फायरिंग के पीछे खास वजह का कोई जिक्र है।
अब आप भी सोचिये कि जिस पश्चिम बंगाल की आर्थिक हालत पहले से ख़राब है, वहां ममता बनर्जी सबको बुलाकर अपने प्रदेश के नागरिकों के साथ अन्याय नहीं करेंगी?
प्रधानमंत्री का कहना है कि विपक्ष का वर्तमान कैंपेन के केंद्र में विदेशियों से वह अपील है जो राहुल गांधी ने ब्रिटेन में रहते हुए की थी
पिछले तीन वर्षों में रेलवे ने सबसे अधिक अभियान भी कोलकाता स्थित पूर्वी रेलवे में चलाये हैं, जबकि गोरखपुर स्थित उत्तर पूर्वी रेलवे ने सबसे अधिक 14.45 हेक्टेयर भूमि क्षेत्र को पुनः प्राप्त किया।