Author: अभिषेक सेमवाल
मंगलवार ,४ अक्टूबर को निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों के लिए एक पत्र लिखा गया। इस पत्र में आयोग ने राजनीतिक दलों के समक्ष आदर्श आचार संहिता में संशोधन हेतु प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव चुनाव के दौरान किये जाने वाली घोषणाओं से संबधित है।
3 अक्टूबर 1977 का दिन था। यह तय होता है कि इंदिरा को शाम को गिरफ्तार किया जाएगा, ताकि वे एक रात जेल में बिता सकें
स्वच्छता में एक कदम आगे बढ़कर भारतीयों ने महामारी का सामना बखूबी किया लेकिन वैश्विक प्रतिस्पर्धा के इस सफर में अभी कई मील चलने बाकी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के दो दिन के दौरे पर हैं। इस दौरे में पीएम मोदी गुजरात को ₹29 हज़ार, 600 करोड़ की सौगात देने वाले हैं।
‘शराबी भगवंत मान’ को प्लेन से धक्के मारने की खबर को ‘जर्मन टाइम्स’ ने पहले पन्ने पर छापा? Fact Check
‘दी जर्मन टाइम्स’ ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है, ऐसा सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है और वे इस तस्वीर को लगातार शेयर भी कर रहे हैं।
पड़ोस में कल बच्चों को छुपम-छुपाई खेलते हुए देख रहा था, उनमें से एक चतुर बालक जुबैर दूसरे बच्चों का पता ‘गुप्त सूत्रों’ के हवाले से लगा रहा था। बाद में मालूम हुआ कि उसके सूत्र छत में खड़े एक गंजे अंकल हुआ करते थे।
आखिरी बार मैंने ये शुभकामनाएं ह्वाट्सएप पर अपने उन मित्रों के गिरोह में फेंकी थी जो हर रोज़ सुबह ‘थॉट ऑफ़ द डे’ के नाम पर मुझे दुनिया के ऐसे क्रांतिकारी, विचारकों के नाम से परिचित करवाते थे जिनके नाम के उच्चारण के लिए तीन बार गहरी सांस और चार बार शब्दकोष लेना पड़ता। ये सन्देश वहां सेंट्रल असेंबली में भगत सिंह द्वारा गिराए बम की भांति ही गिरा। क्रांति के लिए खूनी लड़ाइयां जरुरी नहीं होती, बहरों को सुनाने के लिए धमाके करने पड़ते हैं, लेकिन जब तक ख्याल आया कि ये बहरे सोचते भी अंग्रेजी में हैं तब तक मैं…
वफादारी की कसम खाने वाले 11 में से 8 विधायक भाजपा में शामिल हो रहे हैं। भाजपा में शामिल होने जा रहे कुछ नामों में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माइकल बोबो भी शामिल हैं।
संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत की अध्यक्षता में चल रही तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक बीते सोमवार १२ सितम्बर को सम्पन हो गयी। बैठक में संघ की गतिविधियों ग्राम विकास, पर्यावरण,सामाजिक समरसता, शिक्षा एवं वैचारिक क्षेत्र, व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
पंच प्रण वह पाँच प्रतिज्ञाएं हैं जिन्हें अगले 25 सालों में पूरा करना है जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे कर रहा होगा।