दिल्ली सरकार में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की शराब घोटाले और सत्येन्द्र जैन की हवाला मामले में गिरफ्तारी के बाद इस्तीफे से खाली हुए दो पदों को अरविन्द केजरीवाल ने आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज से भर दिया है।
दोनों विधायकों ने आज बृहस्पतिवार (9 मार्च, 2023) के दिन मंत्रिपद की शपथ ली। पिछले सप्ताह सिसोदिया और जैन के इस्तीफे के बाद से कयास लग रहे थे कि अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार में किसे मंत्री बनाया जाएगा। दिल्ली की कालकाजी सीट से विधायक आतिशी मार्लेना और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज को अब जेल में बंद इन नेताओं के पोर्टफोलियो दिए जाएंगे।
मंत्री बनने वाले सौरभ भारद्वाज और आतिशी मार्लेना समय-समय पर कई विवादों में घिरे रहे हैं। सौरभ भारद्वाज ने एक बार दिल्ली विधानसभा में एक फर्जी इवीएम मशीन बना कर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।
भारद्वाज ने एक प्लास्टिक के डब्बे में कुछ यंत्र लगाकर दिखाया था कि चुनाव आयोग की मशीन को भी इसी तरह हैक करके वोट दूसरी पार्टी को शिफ्ट किए जा सकते हैं।
सोशल मीडिया पर ‘पेचकस बाबू’ नाम से प्रसिद्ध भारद्वाज ने इसके लिए प्लास्टिक के डब्बे में कुछ खिलौने वाली लाइट्स और बटन लगा कर दिल्ली विधानसभा में यह कारनामा किया था। बाद में इस फर्जी मशीन पर वोटिंग करके यह साबित करने की कोशिश की थी कि एक कोड डालकर सारे वोट किसी दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो सकते हैं।
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इस मामले में चुनाव आयोग ने बाद में खुली चुनौती देते हुए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया था लेकिन प्रतिगोतिया में प्लास्टिक की EVM नहीं रहने के कारण भारद्वाज वहाँ नहीं गए। अन्य दलों में से भी किसी ने इवीएम हैक करने की चुनौती को स्वीकार नहीं की थी।
सौरभ ने हाल ही में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर यह कहा था कि तिहाड़ जेल में उन्हें दुर्दांत अपरधियों के साथ रखा गया है और उन्हें मारने की साजिश रची जा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि दिल्ली का पूरा जेल विभाग राज्य सरकार यानी केजरीवाल के अधीन आता है।
वहीं, केजरीवाल सरकार में मंत्रिपद पाने वाली आतिशी मार्लेना का भी विवादों से गहरा नाता रहा है। हाल ही में वे दिल्ली महानगर पालिका (MCD) के मेयर के चुनाव के दौरान सदन के अंदर लड़ाई करवाते हुए देखी गई थीं।
इसके पहले उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था और उनके ख़िलाफ़ बाँटें गए कुछ पैम्फ़लेट के पीछे गौतम गंभीर का हाथ बताया था। गंभीर ने आरोपों को साबित करने की चुनौती दी पर मार्लेना ने तब चुप होना ही उचित समझा था।
विधानसभा का चुनाव लड़ते समय एक कॉन्ग्रेसी नेता ने आतिशी के यहूदी होने की बात भी कही थी जिसके जवाब में उन्होंने बताया था कि वह राजपूत हैं और उनका सरनेम मार्लेना उनके माता पिता ने कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रेरित हो कर मार्क्स और लेनिन से मिलाकर रखा था।
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आतिशी के माता-पिता उन लोगों में भी शामिल थे जिन्होंने भारत की संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु की फांसी रुकवाने के लिए याचिका लिखी थी।
बता दें कि आतिशी की माँ तृप्ता वाही से दिल्ली पुलिस ने प्रोफ़ेसर गिलानी के साथ लिंक होने की बात के आधार पर पूछताछ की थी।
गिलानी को 2016 में राजद्रोह के केस में गिरफ्तार किया गया था। आतिशी ने दिल्ली के शिक्षा मंत्रालय में सिसोदिया की सलाहकार के रूप में भी काम किया है। इस दौरान निजी स्कूलों से रिश्ते खराब होने और स्कूलों की परफॉरमेंस गिरने के भी आरोप आतिशी पर लगे थे।