हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक 4 दिन पहले कॉन्ग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कॉन्ग्रेस के प्रदेश स्तर के पूर्व पदाधिकारी समेत जिला शिमला के तकरीबन 26 कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया है।
प्रदेश की राजधानी शिमला में बीते सोमवार (07 नवम्बर, 2022) की देर शाम कॉन्ग्रेस के 26 पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भाजपा की सदस्यता दिलवाई। साथ ही, हर्ष महाजन ने कॉन्ग्रेस के इन कार्यकर्ताओं को भाजपा का पटका पहनाकर स्वागत भी किया।
बता दें कि ये वही हर्ष महाजन हैं, जो बीते 28 सितम्बर, 2022 को भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा में शामिल होने से पहले हर्ष महाजन हिमाचल प्रदेश में कॉन्ग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अलावा भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह और शिमला शहर से भाजपा प्रत्याशी संजय सूद भी शामिल थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भाजपा में शामिल पूर्व कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं का स्वागत कर, भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने का प्रण भी लिया।
भाजपा में शामिल हुए कॉन्ग्रेस पदाधिकारियों में प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव धर्मपाल ठाकुर, पूर्व सचिव आकाश सैनी, पूर्व पार्षद राजन ठाकुर, पूर्व जिला उपाध्यक्ष अमित मेहता, युवा कॉन्ग्रेस नेता राहुल नेगी सहित कई अन्य कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने कॉन्ग्रेस की चुनावी राह और मुश्किल कर दी है।
हिमाचल प्रदेश में विडंबना यह है कि एक ओर कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं तो दूसरी ओर चुनाव से ठीक पहले कॉन्ग्रेस के ही पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष, ‘हर्ष महाजन’ कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा में जोड़ने का काम कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव से सिर पर हैं। ऐसे में मात्र 4 दिन पहले, एक साथ 26 पदाधिकारियों का भाजपा में शामिल होना, कॉन्ग्रेस के लिए अच्छे संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। बागी कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के इस फैसले के बाद पार्टी की अन्दरूनी कलह सरेआम खुल गई है।
हिमाचल प्रदेश के कुल 12 जिलों की 68 विधानसभा सीट पर आगामी 12 नवम्बर को मतदान होना है। सबसे ज्यादा विधानसभा सीटों की बात करें तो काँगड़ा और मण्डी जिले के बाद सबसे अधिक यानी 8 विधानसभा सीट वाला जिला, शिमला है।
शिमला कॉन्ग्रेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण जिला माना जाता है। हिमाचल प्रदेश में तीसरे नम्बर पर सबसे अधिक विधानसभा सीट वाला जिला तो है ही, साथ ही, कॉन्ग्रेस के शीर्ष नेता और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह का भी गढ़ रहा है। आज भी शिमला की ग्रामीण सीट से वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह चुनाव लड़ते हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि कॉन्ग्रेस ने पूरे हिमाचल प्रदेश में कुल 21 सीटें जीती थी। इसमें भी अकेले 4 सीटें जिला शिमला से कॉन्ग्रेस के खाते में गई थी। जबकि, यहीं से भाजपा ने 3 और 1 सीट माकपा ने जीती थी।
खास बात यह भी है कि शिमला शहर विधानसभा सीट से पिछली बार भाजपा प्रत्याशी सुरेश भारद्वाज ने जीत दर्ज की थी। ऐसे में शिमला शहर के 26 पदाधिकारी, जो हर्ष महाजन के समर्थक भी हैं, का भाजपा में शामिल होना, बड़ी बात मानी जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में भाजपा और कॉन्ग्रेस की हमेशा से सीधी टक्कर होती आई है। कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं का भाजपा का हाथ थामने का अर्थ है कि इस बार शिमला शहर में कॉन्ग्रेस के वोट का एक बड़ा हिस्सा अब भाजपा को जाने वाला है। इससे कॉन्ग्रेस के लिए मुश्किल और अधिक बढ़ गई है।