राजस्थान विधानसभा चुनावों को देखते हुए आपसी विवादों को भुलाकर साथ दिख रहे कांग्रेस नेता सचिन पायलट एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में अभी भी सार्वजनिक रूप से विरोधाभास सामने आ ही जाता है। दरअसल अशोक गहलोत ने हाल ही में कटाक्ष करते हुए सचिन पायलट को ‘कांग्रेस आलाकमान’ बता दिया।
अशोक गहलोत का कहना है कि सचिन पायलट हमारी पार्टी के नेता हैं और वह खुद हाईकमान बन गए हैं। हाईकमान को यह बताने की जरूरत नहीं है कि उन्हें क्या करना है। अब हाईकमान टिकट बांटेगा को पायलट की भी इसमें भूमिका होगी ही।
दरअसल टिकट के ऊपर यह विवाद बृहस्पतिवार ( सितंबर 5, 2023) क सामने आया था जब जयपुर में एक समाचार पोर्टल के कार्यक्रम में टिकट वितरण में पायलट की भूमिका पर सवाल पूछा गया था। इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था में पायलट की सदस्यता पर चुटकी लेते दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी सदस्य होना बहुत बड़ी बात है। एआईसीसी पदाधिकारियों और सीडब्ल्यूसी सदस्यों के लिए टिकट भी पार्टी आलाकमान द्वारा तय किया जा रहा है।
वहीं अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा जोधपुर की सरदारपुरा सीट से खड़े होने की संभावना पर गहलोत ने कहा कि अगर वह चुनाव लड़ना चाहती है तो यह उनका सौभाग्य होगा क्योंकि वह और राजस्थान दोनों देश भर में सुर्खियां बटोरेंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले 4 वर्षों से ही गहलोत और पायलट के बीच में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद जारी है। दोनों नेता सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के प्रति हमलावर रहे हैं। जहां पेपर लीक और भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों को लेकर पायलट स्वयं गहलोत सरकार की निंदा कर चुके हैं। वहीं आज सचिन पायलट को हाईकमान का दर्जा देकर तंज कसने वाले अशोक गहलोत पहले उन्हें ‘नाकारा’ और ‘निकम्मा’ बता चुके हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री पर तक पहुँचने के लिए वो पायलट की ‘रगड़ाई’ देखने की इच्छा जता चुके हैं।
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