दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार आए दिन भ्रष्टाचार के आरोप के चलते विवादों में रहती है। अब एक नया विवाद शुरु हो गया है। आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने नजफगढ़ झड़ौदा कलां स्थित दिल्ली के सैनिक स्कूल की जिम्मेदारी नियम विरुद्ध तरीके से आप (AAP) कार्यकर्ता सिरिशा राव (Sirisha Rao) को दी।
एक्टिविस्ट और ‘ओनली फैक्ट’ के संस्थापक विजय पटेल ने आप (AAP) और सिरिशा राव गठजोड़ के पूरे प्रकरण को अपने ट्विटर पर बताया। विजय पटेल के ट्वीट के बाद इस पूरे प्रकरण की जाँच की माँग भी उठ रही है। आइए, आसान भाषा में इस पूरे मामले को जानने और समझने की कोशिश करते हैं।
दिल्ली सैनिक स्कूल और सिरिशा राव की भूमिका
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 27 अगस्त 2022 को नजफगढ़ झड़ौदा कलां में ‘शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल’ का उद्घाटन किया था। अरविन्द केजरीवाल ने इसे सबसे बेस्ट स्कूल करार दिया था।
इस स्कूल की जिम्मेदारी ‘साइकोरिन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कम्पनी और एनजीओ को दी गई। इस कम्पनी की मैनेजिंग डायरेक्टर सिरिशा राव हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह कम्पनी स्कूल के उद्घाटन से मात्र 9 महीने पहले यानी 15 नवम्बर, 2021 को अस्तित्व में आई।
अब इस पर सवाल उठ रहे हैं कि 14 एकड़ में करोड़ों रुपए की लागत से बने इस स्कूल की जिम्मेदारी मात्र 9 महीने पुरानी कम्पनी को कैसे और क्यों दी गई? मात्र 9 महीने पुरानी कम्पनी जिसके पास अकादमिक क्षेत्र का अनुभव शून्य के बराबर है, उसे इतने बड़े प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी मिलना, संशय पैदा करता है।
सिरिशा राव कौन हैं?
सिरिशा राव हरियाणा की निवासी हैं। सिरिशा राव फरवरी, 2019 में चर्चा में आई थीं, जब विंग कमांडर अभिनन्दन पाकिस्तान के कब्जे में थे। सिरिसा राव ने उस समय एक वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। वीडियो में सिरिशा राव कहती हैं, “सभी सैन्यबलों के परिवारों की तरफ से मैं अपने भारतीय लोगों से प्रार्थना करती हूं, विशेषकर राजनीतिक नेताओं से, राजनीतिक नेता हमारे सैनिकों के बलिदान का राजनीतिकरण न करें।” इस वीडियो के अन्त में सिरिशा राव भाजपा पर निशाना साधते हुए भी नजर आती हैं।
सिरिशा राव और आप का गठजोड़
सिरिशा राव आम आदमी पार्टी की कार्यकर्ता हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सिरिशा राव हरियाणा में आप (AAP) की स्टार प्रचारक भी रही हैं।
आम आदमी पार्टी की शीर्ष कार्यकर्ता सिरिशा राव आप (AAP) विधायक और प्रवक्ता आतिशी मर्लेना के लिए भी चुनाव प्रचार करती नजर आई हैं।
सिरिशा राव और दिल्ली सैनिक स्कूल का गठजोड़
सिरिशा राव पहली बार दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया से 10 फरवरी, 2021 को मुलाकात करती हैं। इस मुलाकात की जानकारी सिरिशा अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर देती हैं।
सिरिशा राव और मनीष सिसोदिया की मुलाकात के मात्र 27 दिन बाद यानी 9 मार्च, 2021 को मनीष सिसोदिया दिल्ली के पहले सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा करते हैं। अब इसे संयोग मानें या फिर प्रयोग।
सैनिक स्कूल की घोषणा के लगभग पाँच महीने बाद 15 जुलाई, 2021 को सिरिसा राव और मनीष सिसोदिया की मुलाकात होती है। इसकी भी जानकारी सिरिसा अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए देती है।
सिरिशा राव 5 अक्टूबर 2021 को सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग पोस्ट करती हैं। इस अखबार में सैनिक स्कूल से सम्बन्धित जानकारी लिखी है। सिरिशा राव की इस पोस्ट का शीर्षक, “ड्रीम बिग, वर्क हार्ड, मेक इट हैपेन।” हिंदी में बताएं तो, बड़ा सोचो उसके लिए कड़ी मेहनत करो और इसे करके बताओ।
इस पोस्ट के बाद यहाँ कुछ सवाल उठते हैं
पहला सवाल, क्या सिरिशा राव पहले से ही इस प्रोजेक्ट से जुड़ी थीं?
दूसरा सवाल, क्या सिरिशा राव को यह मालूम था कि यह प्रोजेक्ट उन्हें मिलने वाला है?
यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि सिरिशा राव की कम्पनी जिसे यह प्रोजेक्ट मिला उसके अस्तित्व में आने से पहले ही सिरिशा राव इस स्कूल के प्रोजेक्ट से सम्बन्धित चर्चाएं और दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया के साथ हुई बैठकों की जानकारी अपने सोशल मीडिया पर देती रहती हैं। यह संदेह पैदा करता है।
अरविन्द केजरीवाल सरकार और भ्रष्टाचार इन दोनों का पुराना और गहरा नाता है। केजरीवाल सरकार के स्कूल से सम्बन्धित कई वादे और उनकी जमीनी हकीकत तो विवादों में रहती ही है। अब, सैनिक स्कूल के प्रोजेक्ट को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता को सौंपने का एक नया विवाद अरविन्द केजरीवाल सरकार के गले पड़ गया है।