भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोपों में फँसे केजरीवाल सरकार के लिए मुख्यमंत्री के सरकारी आवास का नवीनीकरण परेशानी का कारण बन गया है। दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मीडिया रिपोर्ट्स का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकारी आवास के नवीनीकरण के कार्य में कुल 45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। ऐसे में उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री आवास के रेनोवेशन से जुड़े सभी कागजात और फाइलों की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
उप-राज्यपाल ने मीडिया रिपोर्ट्स की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सभी कागजातों को सुरक्षित रखने को कहा है। एलजी का कहना है कि सभी फाइलों की जांच के बाद एक तथ्यात्मक रिपोर्ट एलजी कार्यलाय में 15 दिनों के अंदर प्रस्तुत की जानी चाहिए। एलजी के निर्णय का भाजपा सांसदों मनोज तिवारी और रामवीर सिंह विधूड़ी ने स्वागत किया है।
ज्ञात हो कि हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास के नवीनीकरण पर 45 करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें करोड़ों रुपए के पर्दे, कालीन, विदेशी संगमरमर और टीवी सेट्स भी शामिल हैं।
टैक्स के करोड़ों रुपए नवीनीकरण पर खर्च करने को लेकर निशाने पर आई आम आदमी पार्टी के नेता इस पर स्पष्टीकरण देते हुए नजर आ रहे हैं। आप नेता संजय सिंह ने मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि नवीनीकरण पर सिर्फ 30 करोड़ ही खर्च किए गए हैं। वहीं, आप पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि एलजी अरविंद केजरीवाल का घर ले लें और मामले को खत्म कर दे।
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आप नेता ढांचे का पुराना होने एवं पीडब्लयूडी की सिफारिश पर नवीनीकरण करने की बात कह रहे हैं। वहीं, रिपोर्ट्स के आंकड़ों में सामने आया है कि 43.70 करोड़ की स्वीकृत राशि के स्थान पर 44.75 करोड़ रुपए सिविल लांइस पर केजरीवाल के सरकारी आवास में अतिरिक्त निर्माण एवं बदलाव पर खर्च किए गए हैं। यह राशि सितंबर, 2020 से जून, 2022 तक छह किस्तों में खर्च की गई है।
इसमें आतंरिक सजावट पर 11.30 करोड़ रुपए, 6.02 करोड़ रुपए के मार्बल फर्श एवं पत्थर, 1 करोड़ इंटीरियर कंस्लटेंसी, 2.58 करोड़ बिजली फिटिंग, 10 करोड़ पर्दे के लिए, 2.58 करोड़ अग्निशमन प्रणाली एवं अन्य खर्च भी सामने आए हैं।
इन सभी आरोपों और जांच के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी की छवि पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। ज्ञात हो कि 2013 में केजरीवाल ने लाल बत्ती वाली कार, अतिरिक्त सुरक्षा और एक आधिकारिक बंगले का प्रयोग न करने की घोषणा की थी। वीआईपी कल्चर खत्म करने की बात करके सत्ता में घुसे केजरीवाल द्वारा 45 करोड़ का नवीनीकरण का कार्य चर्चा का विषय बना हुआ है।