दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार का विवादों से नाता नहीं छूट रहा है। पहले सरकारी फंड से अपनी पार्टी का विज्ञापन करने के आरोपों से मुंह बचा रही AAP अब नए विवाद के केंद्र में आ गई है। आम आदमी पार्टी पर अब अफ़सर, पत्रकारों एवं भाजपा नेताओं की जासूसी के आरोप लगे हैं।
ये मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा बनाई गई फीडबैक यूनिट (FBU) से जुड़ा हुआ है। इस फीडबैक यूनिट को सरकार के काम की निगरानी कर उसका फीडबैक देने की ज़िम्मेदारी दी गई थी, लेकिन अब यह तथ्य सामने आया है कि वह भाजपा के नेताओं की गतिविधियों पर नजर रख रही थी। इसको लेकर दिल्ली की राजनीति में काफी हलचल मची हुई है।
आरोप लगाया जा रहा है कि है कि साल 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद विजिलेंस विभाग के अंतर्गत एक यूनिट का गठन किया गया था जिसका काम राजनीतिक गतिविधियों के विषय में जानकारी इकट्ठा करना था, लेकिन भाजपा ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल की यह यूनिट मात्र नेताओं ही नहीं बल्कि बड़े व्यापरियों और पत्रकारों की जासूसी भी कर रही थी।
यह भी पढ़ें: कौन एलजी, कहाँ का एलजी? शब्दों की लफ्फाजी के भरोसे है केजरीवाल की दिल्ली
इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीबीआई को मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की मंजूरी भी दे दी है। इस मामले में कहा जा रहा है कि इस यूनिट का गठन अक्टूबर, 2015 में नियमों की अनदेखी करते हुए मुख्यमंत्री की मंजूरी से हुआ था।
अंग्रेज़ी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस यूनिट में ख़ुफ़िया एजेंसियों के पूर्व अधिकारीयों को भर्ती किया गया था। कहा जा रहा है कि इस यूनिट को बनाने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल से भी स्वीकृति नहीं ली गई थी। ऐसे में अब मामले के जोर पकड़ने पर आम आदमी पार्टी सवालों के घेरे में हैं।
इस मामले में अब दिल्ली की भाजपा प्रदेश इकाई ने आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दिल्ली भाजपा ने 9 फरवरी को ITO से लेकर दिल्ली के सचिवालय तक एक मार्च निकाला जिसमें दिल्ली के प्रदेश भाजपा के कायर्कारी अध्यक्ष वीरेंदर सचदेवा और विधायक रमेश बिधूड़ी शामिल रहे।
यह भी पढ़ें: दिल्ली LG की चिट्ठी ने खोली अरविन्द केजरीवाल के ‘शिक्षा मॉडल’ की पोल
इस पूरे मामले को लेकर कहा जा रहा है कि इस यूनिट ने अपनी सीमा से बाहर के काम किये और इस मामले में धन के दुरूपयोग की भी खबरें हैं। हालाँकि आम आदमी पार्टी ने आरोपों को नकारते हुए पुराने राग में उपराज्यपाल पर आम आदमी पार्टी की सरकार को परेशान करने का आरोप लगाया है।