दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 31 अगस्त, 2022 को दिल्ली में देश का पहला ‘वर्चु्अल स्कूल’ (Virtual School) खोलने की घोषणा की। अरविन्द केजरीवाल के इस दावे को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (NIOS) ने खारिज कर कहा “देश का पहला ‘वर्चुअल स्कूल’ साल 2021 में बनाया गया है।”
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान ने बयान जारी करते हुए कहा, “कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि देश का पहला ‘वर्चुअल स्कूल’ आज (31 अगस्त, 2022) को लॉन्च हुआ है, जबकि देश का पहला वर्चुअल स्कूल अगस्त, 2021 में लॉन्च हो चुका है।”
हालाँकि, ‘दी इंडियन अफ़ेयर्स’ ने केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के ठीक बाद अपनी रिपोर्ट में उनके इस दावे का खंडन करते हुए बताया था कि केजरीवाल से पूर्व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्ष 2020 में ‘वर्चुअल स्कूल’ खोल चुके थे।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान ने देश के पहले वर्चुअल स्कूल की जानकारी देते हुए बताया, “राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान के तहत 7,000 से अधिक अध्ययन केन्द्र इस समय चल रहे हैं, साथ ही 1,500 से अधिक ऐसे अध्ययन केन्द्र हैं, जो कौशल आधारित व्यावसायिक कोर्स में भागीदारी निभा रहे हैं।” इसके अलावा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान के ‘वर्चुअल स्कूल’ के अन्तर्गत लाइव इंटरैक्टिव क्लास (Live Interactive Class) भी दी जा रही है।
अकादमिक वर्ष 2021 के पहले सत्र में NIOS के ‘वर्चुअल स्कूल’ में 2.18 लाख असाइनमेंट और ट्यूटर मार्क असाइनमेंट (TMA) भी अपलोड किए जा चुके हैं। वर्चुअल स्कूल के दूसरे सत्र में 4.46 लाख असाइनमेंट अपलोड हो चुकी हैं। वर्चुअल स्कूल की खूबी बताते हुए NIOS ने बताया, जो असाइनमेंट अपलोड होते हैं, वो स्वत: ही उस विषय के विशेषज्ञ के पास पहुंच जाता है, जिसका ऑनलाइन मूल्यांकन किया जाता है और विद्यार्थी के डैशबोर्ड यानी कम्प्यूटर स्क्रीन पर अंक दिखाई देते हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में जिस क्रान्ति की बात अरविन्द केजरीवाल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेस में की, वो क्रान्ति 1 साल पहले ही हो चुकी है और उसकी उपलब्धियाँ भी राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान गिना चुका है।
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