उधर सीबीआई आम आदमी पार्टी के नेताओं को नोटिस भेजती है और इधर राजघाट पर बापू व्याकुल हो जाते होंगे। ये सोचते हुए कि इन सीबीआई और ED वालों के कारण चैन से खड़ा होना भी मुश्किल हो गया है। हर महीने नोटिस भेज देते हैं। जिसे भेजते हैं उसकी दुर्गति तो अरेस्ट होने के बाद शुरू होती है पर उससे पहले वो यहाँ आकर मेरी दुर्गति कर जाता है।
मैं पूछता हूँ कि ये सिसोदिया अगर भगत सिंह है तो शहीद-ए-आजम की समाधि पर जाए न, मेरी समाधि पर काहे आता है? और ये संजय सिंह! ये संजय सिंह उसे बताता तो महाराणा प्रताप के खानदान का है लेकिन सीबीआई के पास जाने से पहले उसे लेकर मेरे पास आ जाता है। और ये केजरीवाल कौन सा कम है? सिसोदिया के जेल जाने के बाद उसे हरिश्चंद्र बताता है। अरे बताना ही था तो जेल जाने से पहले ही हरिश्चंद्र बताकर उसे काशी भेज देना चाहिए था लेकिन काशी में हरिश्चंद्र घाट भेजने की जगह मेरे पास राजघाट भेज दिया!
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ऊपर से सीबीआई ने केजरीवाल को नोटिस भेज कर तो मुझे भी चुप करा दिया। अब क्या कहें? राघव चड्ढा ने केजरीवाल को पहले ही आज का महात्मा गांधी घोषित कर इसे सीधा राजघाट भेजने का रास्ता साफ़ कर दिया। है छोटा लेकिन पॉलिटिक्स के लिहाज़ से पूरा घुटा हुआ है।
सुना है FIR में संजय सिंह का भी नाम है। कल को वो भी आएगा। ऊपर से यहाँ घुसने का कोई टिकट भी नहीं है। कितनी बार मन में आया कि सरकारी बाबुओं को लाठी से खोदकर बताऊँ कि यहाँ घुसने का टिकट लगा दो नहीं तो कोई भी घुस आता है। फिर सोचा जाने दो। कल को संजय सिंह आ गया तब क्या होगा? कुछ भी हो सकता है।
ग़ज़ब है ये केजरीवाल भी। एक जमाना था जब अन्ना हज़ारे को इस युग का गाँधी बताता था। अब तो ख़ुद ही बन गया है। जिस शराब के ख़िलाफ़ मैं जीवन भर बोलता रहा उसी शराब में घोटाला करके मेरे पास आते हैं ये क्रांतिकारी। इसीलिए मुझे शुरू से ही न तो क्रांति पर विश्वास था और न ही क्रांतिकारियों पर।
ऊपर से केजरीवाल कह रहा है कि अगर वो ईमानदार नहीं है तो फिर कोई ईमानदार नहीं है। कल को इसका नाम भी चार्जशीट में आया तो ये कैसे कैसे लोगों की ईमानदारी लेकर डूबेगा, मुझे तो यह सोच कर भी मतली आ रही है।
कह रहा था कि इनकम टैक्स में कमिश्नर था इसलिए चाहता तो करोड़ों कमा सकता था लेकिन फिर भी इनकम टैक्स की नौकरी छोड़कर राजनीति में आया। अब इसे कौन पूछे कि इनकम टैक्स में नौकरी करने वाले हर अफ़सर को बेईमान बताना कैसी ईमानदारी है?
अब तो दिन रात यही डर खाये जाता है कि संजय सिंह को नोटिस आया और सीबीआई के पास जाने से पहले वो भगवंत को साथ लेकर मेरे पास आ गया तो?
खैर, देश को बिना खड्ग बिना ढाल आजादी दिलायी है तो ऐसे ही नाना विधि प्रकार के प्राणियों को झेलना ही पड़ेगा। समय रहते किसी गांधी के सपने में जाकर आई आई टी में कोटा सिस्टम रोकवा देता तो शायद आज ये दिन देखना न पड़ता।
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