अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल (Apple Inc.) के आईफोन के अतिरिक्त अन्य उत्पाद भी अब भारत में बनेंगे। एप्पल के लिए फोन और अन्य सहायक उत्पाद बनाने वाली ताईवानी कंपनी फॉक्सकॉन (FoxConn) को एप्पल के वायरलेस इयरफोन एयरपॉड्स (Airpods) बनाने का ठेका मिला है और कंपनी इनके निर्माण के लिए भारत में नई यूनिट लगाएगी। एप्पल ने पिछले कुछ समय में चीन पर अपने निर्माण की निर्भरता को कम करने के लिए कई अहम फ़ैसले लिए हैं।
फॉक्सकॉन पहले से ही भारत में बड़े स्तर पर आईफोन का निर्माण कर रही है और आने वाले वर्षों में इसको और बढ़ाने वाली है। फोन के अतिरिक्त एयरपॉड्स बनाने का कारखाना लगाने के लिए फॉक्सकॉन ने 200 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करने का फ़ैसला लिया है।
समाचार एजेंसी रायटर्स ने कंपनी के कुछ सूत्रों के आधार पर यह जानकारी दी है। कहा जा रहा है कि फॉक्सकॉन यह निवेश तेलंगाना राज्य में करेगी।
फॉक्सकॉन वर्तमान में एप्पल के उत्पाद बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है और इसके भारत के अतिरिक्त चीन और अन्य देशों में भी कई कारखाने हैं।
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परम्परागत रूप से चीन ही एप्पल के सभी उत्पादों का बड़ा निर्माता रहा है लेकिन वर्ष 2022 में भी चालू रहे कड़े कोरोना प्रतिबंध और कारखानों में बंदी के कारण विदेशी कंपनियों का विश्वास अब चीन से धीरे-धीरे उठ रहा है।
हाल ही में चीन में एप्पल के उत्पाद बनाने वाले फॉक्सकॉन के एक बड़े कारखाने में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुई थी, जिसके कारण कई दिनों तक कारखाना बंद रखना पड़ा था। यह कंपनियाँ अब अपने कारखाने अन्य जगह ले जा रही हैं जिसका फायदा भारत और विएतनाम जैसे देशों को हो रहा है।
एप्पल के उत्पादों का निर्माण भारत में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है और हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में दुनिया में बिकने वाले एक चौथाई आईफोन भारत में निर्मित होंगे। इसके पीछे कोरोना के बाद चीन में उत्पन्न हुई समस्याओं के अतिरिक्त केंद्र सरकार की नीतियाँ भी हैं जिनके अंतर्गत निर्माण यूनिट लगाने पर कंपनियो को बड़े फायदे दिए जाते हैं।
स्थानीय स्तर पर एप्पल के उत्पाद बनने से कई फायदे हो रहे हैं। निर्माण होने से रोजगार मिलने के अतिरिक्त इन उत्पादों की भारत में बिक्री करने के लिए इन्हें बाहर से नहीं मंगाना पड़ रहा है और इससे बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा की बचत हो रही है। इसके अतिरिक्त, एप्पल के उत्पाद विदेशों में जा रहे हैं जो की निर्यात बढ़ाने में सहायता करते हैं।
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फॉक्सकॉन लगातार भारत में अपनी पैठ बढ़ा रही है। हाल ही में आई खबरों के अनुसार, फॉक्सकॉन जल्द ही कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 300 एकड़ में अपना नया कारखाना लगाने वाली है जहाँ पर वह आईफोन का निर्माण करेगी। यह कारखाना 10 हजार से अधिक नौकरिया पैदा करेगा। ब्लूमबर्ग के अनुसार, इस कारखाने के लिए फॉक्सकॉन लगभग 6,000 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली है।
गौरतलब है कि मात्र एपल ही नहीं बल्कि विश्व की अन्य फोन निर्माता कंपनियां भी लगातार भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही हैं। सैमसंग ने भी वर्ष 2018 में राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में अपनी सबसे बड़े कारखाने का उद्घाटन किया था।
हाल ही में आई कुछ खबरों के अनुसार, सैमसंग (Samsung) चेन्नई में एक नया कारखाना लगाएगा, जिसमें कम्प्रेसर का निर्माण होगा। इसके लिए 1500 करोड़ रुपए निवेश की बात की जा रही है।
बदली हुई नीतियों और निवेश व्यावहरिक निर्णयों के कारण भारत में इलेक्ट्रॉनिक निर्माण लगातार बढ़ रहा है। लोकसभा में दिए गए एक उत्तर के अनुसार, वर्ष 2017-18 में देश के अंदर लगभग 3.8 लाख करोड़ रुपए के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण होता था।
यह पांच वर्षों के भीतर बढ़ कर 2021-22 में 6.4 लाख करोड़ पहुँच गया है। इसी तरह इनका निर्यात भी दोगुना हुआ है जो वर्ष 2017-18 में 41 हजार करोड़ से बढ़ कर वर्ष 2021-22 में 1.09 लाख करोड़ पहुँच गया है।
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