गुजरात के सबसे बड़े तीर्थस्थल द्वारका जिले के ऐतिहासिक द्वीप बेट द्वारका में चरमपंथियों द्वारा अवैध निर्माण और गतिविधियों के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के साथ कनेक्शन के संदेह में एक बड़ा अतिक्रमण विरोधी ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
इस विध्वंस अभियान में पूर्ण सुरक्षा के मद्देनजर कल से ही 1000 से ज्यादा पुलिस जवानों और रिजर्व पुलिस बल को तैनात किया गया है। बेट द्वारका में भगवान श्रीकृष्ण के महल, और सरकारी भूमि पर किए गए धार्मिक और अन्य अवैध निर्माणों के पास SRP, SP और रेंज IG समेत शीर्ष पुलिस अधिकारी मौजूद हैं।
गुजरात के पश्चिमी तट पर रणनीतिक रूप से संवेदनशील बेट द्वारका द्वीप हिन्दू आस्था का बड़ा केन्द्र है। यह द्वारका जिले के ओखी बन्दरगाह से 7 समुद्री मील दूर है और 13 वर्ग किमी में फैला हुआ है, जिसमें 8 टापू स्थित हैं। इनमें से दो टापुओं पर मुस्लिम आबादी बीते कुछ दशकों में बहुसंख्यक हो गई है।
पिछले कुछ सालों में बेट द्वारका में सरकारी जमीन पर मजहबी अतिक्रमण तेजी से बढ़ने के मामले सामने आते रहे हैं, यहाँ मजार जैसे कई अवैध धार्मिक निर्माण सड़कों के किनारे पनपने लगे थे। इसके चलते तीर्थयात्रियों को बेहद असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। कई संगठन पहले से इस तरह के अवैध अतिक्रमण हटाने की लंबे समय से मांग कर रहे थे।
इन द्वीपों पर रहने वाले स्थानीय लोगों का मुख्य काम नाव चलाना और मछली पकड़ना है। इस समुद्री मार्ग से ड्रग्स, अवैध सोना, नकली नोट जैसे अवैध कार्यों पर सुरक्षा एजेंसियां लगातार नजर रखती हैं और ऐसे कई मामले पकड़े जाते रहे हैं।
PFI से कथित कनेक्शन बना चिन्ता का विषय
कुछ मीडिया संस्थानों के सूत्रों के मुताबिक हाल ही में देश भर में PFI पर छापों और गिरफ्तारियों के बाद लगे प्रतिबंध के बाद, PFI का बेट द्वारका के अवैध कामों से भी संबंध सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं और कार्रवाई शुरू कर दी है, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में सरकार कोई ढील नहीं देना चाहती है।
कथित देशद्रोही कृत्यों से जुड़े कुछ इनपुट राज्य और केंद्रीय एजेंसियों को पहले ही मिल गए थे। इसलिए इस मेगा ऑपरेशन से बेट द्वारका में धर्म के नाम पर चल रही कथित अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी। कथित PFI संबंधों के चलते इस बड़ी विध्वंस योजना में गुजरात सरकार के राजस्व, पंचायत, समुद्री विभाग और बिजली विभाग समेत कई विभाग लगे हुए हैं। इसलिए ऑपरेशन को काफी सावधानी के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
प्रशासन के दस्ते ने बेट द्वारका में सरकारी जमीन पर से अवैध धार्मिक अतिक्रमण तोड़ना शुरू कर दिया है। बेट द्वारका के हनुमान डंडी मार्ग और बालापार इलाके में पांच जेसीबी मशीनों ने तुड़ाई का कार्य शुरू कर दिया है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार इसके पहले बेट ही बेट द्वारका और ओखा के कुछ मुस्लिम नेताओं को पुलिस ने सुरक्षा के तौर पर राउंड ऑफ कर दिया था। पुलिस ने बेट द्वारका के लोगों को भी इस दौरान अपने घरों में ही रहने की अपील की है। बेट द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर में भी सुबह के समय केवल पुजारियों की ही मौजूदगी रही। स्थानीय मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार पहले चरण में कुल 52 हजार वर्गफीट क्षेत्र वाले 6 कथित धार्मिक स्थलों समेत 21 अवैध निर्माण ध्वस्त किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल भगवान कृष्ण की नगरी बेट द्वारका के दो टापूओं पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अपना दावा जता दिया था, जिससे हाईकोर्ट भी चौंक गया था और पूछा था कि कृष्णनगरी पर आप दावा कैसे कर सकते हैं? इसके बाद न्यायाधीश ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। वक्फ बोर्ड ने 8 में से 2 टापुओं पर बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी को लेकर यह दावा किया था। हाल ही में देश में कर्नाटक समेत अलग अलग हिस्सों की महत्वपूर्ण जमीनों और गाँवों पर वक्फ बोर्ड द्वारा दावा ठोकने के मामले सामने आते रहे हैं।
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