तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई कुप्पुसामी की पिछले कुछ दिनों से बहुत चर्चा हो रही है। हाल में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में उनके धारदार बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए। वह एक ऐसे प्रदेश में भाजपा को मुख्यधारा में ला रहे हैं, जहाँ पहले इस पार्टी का प्रवेश तक वर्जित था।
दिल्ली की तथाकथित मेनस्ट्रीम-मीडिया अक्सर दक्षिण भारत की खबरों को कम वरीयता देती है, लेकिन हम बता रहे हैं तमिलनाडु के इस क्रांतिकारी और लोकप्रिय नेता के बारे में- पूरी तफसील से।
मुझे ईसा मसीह मत समझो
13 अगस्त को तमिलनाडु वित्तमंत्री पलानीवेल थियागा राजन की गाडी पर भाजपा कार्यकर्ता ने चप्पल फेंकी जिसके बाद सत्तापक्ष यानी द्रविड़ मुनेत्र कषगम् भड़क उठी थी।
27 अगस्त को सोशल मीडिया में एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई जिसमे अन्नामलाई और मदुरै ग्रामीण जिला सचिव महा सुसेन्द्रन से पीटीआर के विषय में बातचीत कर रहें।
डीएमके ने आरोप लगाया कि राज्य भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई भी चप्पल प्रकरण का हिस्सा थे। इस मुद्दे पर बीते दिनों अन्नामलाई और पीटीआर की ट्विटर पर जमकर बहस हुई।
बीते गुरुवार यानी 1 सितंबर, 2022 के दिन अन्नामलाई ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए पीटीआर द्वारा उनके लिए प्रयोग की गई अभद्र भाषा पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, “मैं ईसा मसीह नहीं कि थप्पड़ मारने पर दूसरा गाल सामने कर दूँ।”
उन्होंने आगे जोर देते हुए कहा, “खेत और किसानी के सिवाय मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं हैं, लेकिन डीएमके नेताओं को सब विरासत से ही मिला है।”
अन्नामलाई का उदय
8 जुलाई, 2021 को तमिलनाडु भाजपा की कमान अन्नामलाई के हाथ आई। भाजपा में उनकी तरक्की किसी हसीन सपने से कम नहीं थी। आईपीएस की पृष्ठभूमि से राजनीति में कदम रखते हुए अन्नामलाई पहले से ही चर्चा का विषय थे। राज्य में भाजपा की कमान संभालने के बाद से ही अन्नामलाई ने पार्टी का कायापलट किया है।
अपने बेबाक अंदाज से उन्होंने डीएमके सरकार की जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने में राज्य भाजपा संगठन को एकजुट किया है। दूसरी कोविड लहर के बाद स्टालिन सरकार ने गणेश चतुर्थी समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसका विरोध करते हुए अन्नामलाई ने लोगों से अपने घर के बाहर भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित करने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन को बधाई पत्र भेजने का अभियान चलाया। इस जन अभियान में तकरीबन 3 लाख लोगों ने राज्य मुख्यमंत्री को बधाई पत्र भेजे।
इस मामले के बाद अन्नामलाई आगे बढ़ते गए और हर व्यापक मुद्दे पर डीएमके के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया, फिर चाहे वो राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल के दाम घटाना हो या ‘पट्टीना प्रवेशम’ की परंपरा हो।
भाजपा का दक्षिण अभियान
शुरुआत से ही भाजपा को उतर-भारतीय राज्यों की पार्टी का ठप्पा दे दिया गया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सफलता का परचम लहराया था, लेकिन दक्षिण-भारतीय राज्यों में पार्टी के हाथ अधिक सफलता नहीं आयी।
कर्नाटक में पार्टी का जनाधार बढ़ा है, लेकिन बाकी दक्षिणी राज्यों, खासकर तमिलनाडु में पार्टी को ज्यादा सफलता नहीं मिली है। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा महासचिव जेपी नड्डा का ध्यान दक्षिण भारत की तरफ केंद्रित रहा है।
भाजपा नेताओं द्वारा दक्षिणी राज्यों के लगातार दौरे, अन्नामलाई को वरीयता, और खुद नरेंद्र मोदी द्वारा तमिल भाषा की तारीफ करना भाजपा के उद्देश्य को रेखांकित करता है।