गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा के सांखली गांव में आयोजित होने वाले ईसाई समुदाय के कार्यक्रम को धर्म परिवर्तन के आरोपों के बाद रद्द कर दिया गया है। यह कार्यक्रम फरवरी 11, 2024 को होने वाला था जिसका नाम ‘आत्मिक जागृति सभा’ रखा गया था।
गौरतलब है कि विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और नर्मदा जिले के राष्ट्रीय आदिवासी मंच के साथ स्थानीय निवासियों ने बृहस्पतिवार को जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें दावा किया गया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्र में आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करना था।
विश्व हिंदू परिषद के सचिव गौतम पटेल ने जानकारी दी थी कि 11 तारीख को धर्म परिवर्तन का कार्यक्रम है और उन्होंने इस कार्यक्रम के खिलाफ अपना विरोध जताया है। उन्होंने जिला कलेक्टर से इस आयोजन को होने से रोकने का अनुरोध किया है। इससे पहले, जब ग्रामीणों ने कार्यक्रम के खिलाफ बोलने का प्रयास किया, तो कथित तौर पर उनकी पिटाई की गई। इसलिए ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है।
जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा ज्ञापन मिलने के बाद मामले की जांच की गई और कार्यक्रम के आयोजकों को तलब किया गया। जिला विकास अधिकारी अंकित पन्नू ने पुष्टि की है कि ज्ञापन पुलिस विभाग को भेज दिया गया है और आयोजकों को बयान के लिए बुलाया गया है।
ज्ञापन में जिला कलेक्टर में राष्ट्रीय आदिवासी मंच ने दावा किया है कि आध्यात्मिक सभा के नाम पर, ईसाइयों ने आदिवासियों को ईसाई धार्मिक विश्वास में परिवर्तित करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया है।
उल्लेखनीय है कि नर्मदा जिला क्षेत्र आदिवासी बहुल इलाका है और यहां समय-समय पर ईसाई धर्मांतरण के मामले सामने आते रहते हैं। हिंदू संगठनों द्वारा इस क्षेत्र में कई अभियान चलाकर आदिवासियों को धर्मांतरण से रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
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