कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की इंदिरा कैंटीन योजना से जुड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि महत्वाकांक्षी योजना को लेकर कुछ अधिकारी कथित तौर पर बिल भुगतान के लिए कमीशन की मांग कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार कमीशन के आरोप में हावेरी, हिरेकेरूर और रानेबेन्नूर के तीन कैंटीन शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन तीनों को मिलाकर एक साल की अवधि का 35 लाख रुपए से अधिक का बिल लंबित है। इसलिए बकाया राशि की प्राप्ति के लिए लगातार अपील की जा रही थी। साथ ही यह भी सामने आय़ा है कि जो अधिकारी हावेरी, हिरेकेरूर और राणेबेन्नूर नगर निगमों की देखरेख करने कर रहे थे वे कथित तौर पर कैंटीन संचालकों का उत्पीड़न भी कर रहे थे।
इस मामले में यादगीर जिले के शाहपुर में स्थित निर्मलादेवी महिला मंडल के सचिव और तीन इंदिरा कैंटीनों के संचालन का कार्य देखने वाले विश्वनाथ रेड्डी दर्शनपुरा ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनके अनुसार अधिकारियों की ओर से उन्हें लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। उनके बिलों को जमा करवाने के लिए उनपर कमीशन का दबाव बनाया जा रहा है। इसलिए ठेकेदार द्वारा इसकी शिकायत डीसी से की गई है।
रिपब्लिक की रिपोर्ट के अनुसार हावेरी जिला शहरी विकास सेल के अधिकारी ममता होसागुड ने इस संबंध में रिश्वत मांगे जाने के आरोपों से इनकार किया कर दिया है। उनका कहना है कि किसी ने पैसे नहीं मांगे। हमें सरकारी धन का सदुपयोग करना चाहिए न कि दुरुपयोग। ठेकेदार ने अधिक संख्या में प्लेटों के बिल दिए हैं और इसलिए ऐसा हुआ है। बिल और फुटफॉल रिपोर्ट के बीच अंतर होता है। आयुक्तों ने इसे जमा कर दिया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह ठेकेदार की ओर से गलत नहीं है?
डीयूडीसी अधिकारी के अनुसार ठेकेदार को हर माह बिल जमा करना चाहिए था। उन्होंने पिछले 15-20 दिनों में बिल जमा किया है। आयुक्तों द्वारा मांगी जा रही रिश्वत झूठी है। ये बेबुनियाद आरोप हैं. यदि उनके पास कोई सबूत है तो उन्हें देने दीजिए। साथ ही उन्होंने जांच करवाने की बात करते हुए कहा कि मामले की जांच की जाएगी और एक हफ्ते के अंदर चीजों को सुलझा लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में कर्नाटक सरकार द्वारा प्रस्तुत राज्य बजट में इंदिरा कैंटीनों को 100 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा पहले से बंद की गई कैंटीनों को फिर से खोलने के निर्देश जारी करने के लगभग एक माह बाद इस फंडिंग की घोषणा की गई थी।
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