इस साल नवम्बर की 22वीं तारीख को बेहद ही खूबसूरत लुसैल स्टेडियम में ग्रुप सी के शुरुआती दौर के मुकाबले में खिताबी दावेदार मानी जा रही कोपा अमेरिका विजेता, पिछले 36 मैचों में अविजित, अर्जेंटीना की भूखी टीम का मुकाबला था, सऊदी अरब की एक औसत सी मानी जा रही टीम से।
सम्पूर्ण विश्व की नजरें इस मुकाबले पर टिकी थी। मैड्रिड से लेकर मुम्बई, कोलकाता से लेकर कैलिफोर्निया। सभी दर्शकों के मन में यही खयाल कौंध रहा था कि कैसे भी लियोनेल मेस्सी की अर्जेंटीना एक आकर्षक जीत के साथ विश्व कप में अपनी शुरुआत करे।
मैच की शुरुआत भी कुछ इसी अन्दाज में हुई। रेफरी द्वारा सीटी बजाते ही अर्जेंटीना ने विपक्षी गोलपोस्ट पर धुंआधार आक्रमण करना शुरू कर दिया था। मेस्सी और मार्टीनेज़ लगातार विपक्षी डिफेन्स की परीक्षा ले रहे थे।
मैच के 10वें मिनट में अर्जेंटीना को एक पेनल्टी किक मिली, जिसको उनके अगुआ लियोनेल मेस्सी ने गोल में तब्दील कर अर्जेंटीना को मैच के शुरुआती क्षणों में ही बढ़त दिला दी। इसके बाद भी अर्जेंटीना लगातार सऊदी अरब के गोलकीपर को परेशानी में डालती रही।
हालाँकि, मैच खत्म होने तक सऊदी अरब ने दो गोल दाग कर न सिर्फ मुकाबले में वापसी की बल्कि अपने इतिहास की सबसे बड़ी जीत लिख डाली। विश्व रैंकिंग में 53 नम्बर पर खड़ी सऊदी अरब की टीम ने लियोनेल मेस्सी के विश्व कप जीतने के ख्वाब की राह बेहद कठोर कर डाली है।
एक बात अचंभित करने वाली रही कि एशियाई अखबारों ने इस जीत के असली नायक, सऊदी अरब के कोच हर्व रेनार्ड की बेहद सटीक नीतियों पर बात नहीं की। हर्व रेनार्ड की नीतियों का ही नतीजा था कि अर्जेंटीना के पास बेहद चालाक सऊदी अरब के खेल का कोई तोड़ नजर नहीं आया।
वहीं न सिर्फ अपने खेल बल्कि अपने खेल प्रेमियों के सौम्य व्यवहार से पिछले विश्व कप में सम्पूर्ण विश्व का दिल जीत लेने वाली जापान की टीम ने एक बार फिर बेहद घातक कारनामा किया।
ग्रुप ई के ओपनिंग मुकाबले में जापान ने स्टार खिलाड़ियों से सजी चार बार की विश्व कप विजेता, जर्मन टीम को धूल चटा डाली। जर्मनी के लड़ाकों के लिए यह इसलिए भी शर्मनाक है क्योंकि पिछले विश्व कप में उन्हें दक्षिण कोरिया और मैक्सिको की टीम से हार कर टूर्नामेंट के पहले दौर से ही घर वापस लौटना पड़ा था।
जापान की टीम पर हम सभी की नजरें बनी रहनी चाहिए।
एक ऐसा टूर्नामेंट जहाँ अब तक नाम बड़े मगर दर्शन छोटे होते नजर आ रहे थे, वहाँ ग्रुप ई के अगले मुकाबले में यूरो कप की उप-विजेता लुई एनरीके की स्पेन के युवा दस्ते ने 18 वर्षीय सितारे गावी के शानदार खेल के बदौलत कोस्टा रिका के खिलाफ अपने पहले ही मैच में सात गोल दाग दिए। गौरतलब है कि पिछले विश्व कप में स्पेन की टीम पूरे टूर्नामेंट में कुल आठ ही गोल कर सकी थी।
लुई एनरीके की युवा स्पेन बिल्कुल अपनी छवि के अनुरूप खेलती नजर आई। लुई एनरीके की स्पेन पोएट्री इन मोशन है। हर पास एकदम नपा-तुला।
विपक्षी गोलपोस्ट के करीब पहुँच कर भी खिलाड़ी, गेंद को अच्छी स्थिति में खड़े खिलाड़ी की ओर बढ़ा देते हैं। कोई स्वार्थ नहीं। टीम एक यूनिट की तरह खेलती है। स्पेन को खेलते देखना घाव पर मरहम लगाने जैसा है।उनका खेल रूह को सुकून पहुँचाता है।
कतर में वाकई एक खूबसूरत टूर्नामेंट शुरू हो चुका है। हो सकता है, मेस्सी और रोनाल्डो समेत कई और सितारों को अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हुए फिर कभी न देख पाएँ। इसलिए भी यह विश्व कप बेहद खास है।
कहते हैं, प्रेम में सब जायज़ होता है। चाहे कुछ भी हो, कतर में चल रहे कार्निवाल को देखना मत भूलिएगा।