पिछले वर्ष निजीकृत की गई एयरलाइन कम्पनी एअर इंडिया (Air India) ने विमान इतिहास की सबसे बड़ी विमान खरीददारी की है। एअर इंडिया ने विमान निर्माता एयरबस से 250 और अमेरिकी विमान निर्माता बोईंग (Boeing) से 220 विमान खरीदने की डील साइन की है। इस सौदे के तहत कुल 470 विमान एअर इंडिया खरीदेगा।
टाटा समूह के अधिकार वाली एअर इंडिया की इस डील पर अमेरिकी राष्ट्रपति बायडेन और फ़्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों के साथ ही ब्रितानी प्रधानमंत्री ऋषि सुनाक ने भारत और उनके देशों के बीच बढ़ते सहयोग का उदाहरण बताया है।
एअर इंडिया का वर्ष 2022 निजीकरण पूरा होने के बाद जुलाई माह में टाटा समूह ने टेकओवर कर लिया था। एअर इंडिया द्वारा साइन की गई डील का कुल मूल्य 80 बिलियन डॉलर यानी करीब भारतीय 6.5 लाख करोड़ रुपए है।
यह आज तक की गई सबसे बड़ी डील है। एक दशक पहले अमेरिकी एयरलाइन पैन अमेरिका ने 460 विमानों का आर्डर दिया था, जिसका रिकॉर्ड एअर इंडिया के इस ताज़ा सौदे ने तोड़ा है।
इसके अतिरिक्त एअर इंडिया ने 25 एयरबस के विमान लीज पर लेने का भी फैसला लिया है। महाराजा के नाम से मशहूर एअर इंडिया अपने शुरुआती दौर में अपने ख़ास साज सज्जा और आतिथ्य के लिए जानी जाती थी।
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वर्ष 2000 के बाद से इसके आर्थिक ढाँचे में आई गिरावट कि वजह से यह लगातार सरकार को घाटा पहुंचा रही थी। इसी कारण से इसे निजीकृत करने का फैसला लिया गया है।
टाटा समूह इस बड़े ऑर्डर के माध्यम से एअर इंडिया को दुनिया की नामी गिरामी एअरलाइन लुफ्थांसा, एमिरेट्स और क़तर एयरवेज जैसी कम्पनियों के समक्ष खड़ा करना चाहता है।
एअर इंडिया के अलावा टाटा समूह विस्तारा और एअर एशिया का भी मालिक है। इनमें से एक प्रीमियम एयरलाइन है और दूसरी सस्ते दामों में हवाई यात्रा कराने के लिए जानी जाती है।
एअर इंडिया द्वारा खरीदे जाने वाले विमानों में छोटी और बड़ी दोनों बॉडी साइज वाले विमान शामिल हैं। वर्तमान में भारत में छोटे विमान के क्षेत्र में एयरबस का बोलबाला है। एअर इंडिया ने एयरबस के साथ साइन की डील में 40 बड़े एयरबस A350 और 210 छोटे और माध्यम आकार के A320नियो और A 321 विमान शामिल हैं।
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वहीं, अमेरिकी कम्पनी बोईंग के साथ साइन की गई डील के अंतर्गत 190 बोईंग 737 मैक्स, 10 बोईंग 777-9 बड़े विमान और 20 बोईंग 787 ड्रीमलाइनर एयरक्राफ्ट शामिल हैं। इन विमानों पहली खेप वर्ष 2023 के अंतर तक भारत पहुँचने लगेगी।
भारत में बढ़ रहा है विमानन उद्योग का बाज़ार
भारत में विमानन उद्योग काफी तेजी से बढ़ा है और पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार कि उड़ान स्कीम के अंतर्गत इसमें घरेलू उड़ानों में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। सरकार तेजी से 100 एयरपोर्ट बनाने की दिशा में कम कर रही है जिससे नए रूट खुलने के साथ ही विमानों की डिमांड बढ़ रही है।
जल्दी ही देश के सबसे बड़े शहरों दिल्ली और मुंबई में नए एयरपोर्ट का उद्घाटन होने वाला है। मुंबई के लिए जहाँ यह एयरपोर्ट नवी मुंबई में बन रहा है तो वहीँ दिल्ली के लिए यह उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहा है।
इस डील के मौके पर टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और एयरबस के अधिकारी वीडियो कौन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
दोनों नेताओं ने भारत और फ्रांस के बीच इस सहयोग को रणनीतिक साझेदारी का प्रतिदर्पण बताया। एयरबस की सबसे बड़ी निर्माण फैसिलिटी फ्रांस में ही है और साथ ही इसका मुख्यालय भी फ्रांस में ही है।
इसी के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बायडेन के साथ भी वार्ता की, दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के बढ़ने पर प्रसन्नता जताई।
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अमेरिका के साथ-साथ ब्रिटेन में भी पैदा होंगे रोज़गार के अवसर
इसके अतिरिक्त, अमेरिकी कम्पनी बोईंग के साथ बड़ी डील होने का दोनों नेताओं ने स्वागत किया और कहा कि इससे दोनों देशों में नए अवसर पैदा होंगें। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनाक ने भी इस डील पर प्रसन्नता जताते हुए कहा है कि ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर नौकरियां आएंगीं।
दरअसल, एयरबस विमानों के कुछ हिस्से और बड़े विमानों के इंजन ब्रिटेन में ही बनते हैं। इस पूरे समझौते से अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन में मिलाकर 10 लाख नौकरियों को सहायता मिलेगी।
समाचार वेबसाइट रॉयटर्स के अनुसार, इस डील को लेकर टाटा समूह और विमान निर्माता कम्पनियों के बीच लंदन के टाटा समूह के ही स्वामित्व वाले एक होटल में पिछले वर्ष जुलाई माह से बातचीत चल रही थी।
सेंट जेम्स कोर्ट नाम का यह होटल ब्रिटिश राजपरिवार के आवास बकिंघम पैलेस के पास ही स्थित है और इसी में लगातार बातचीत चल रही थी।
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मामले से जुड़े लोगों ने टाटा समूह और एअर इंडिया के अधिकारियों को एक अच्छा मोलभाव करने वाला बताया है। इस डील के अंतर्गत टाटा समूह ने अमेरिकी इंजन निर्माता जनरल इलेक्ट्रिक के साथ विमानों के 800 से भी अधिक इंजन आपूर्ति करने का समझौता भी साइन किया है।
इसके अतिरिक्त एयरबस के बड़े विमानों A350 में ब्रिटिश कम्पनी रोल्स रॉयस के इंजन लगेंगें। इन विमानों के आने के बाद भारत में एविएशन के क्षेत्र में तगड़ा कॉम्पटीशन देखने को मिलेगा, अभी घरेलू विमानन में सस्ती फ्लाइट मुहैया कराने वाले इंडिगो का दबदबा है।
इंडिगो के पास भारतीय बाजार में लगभग 60% तक का कब्जा है। टाटा समूह की कम्पनियां मिलाकर 23% के आस पास हैं। नए विमानों के आने से इसमें काफी बढ़ोतरी होने कि संभावना है।