अहमदाबाद सत्र न्यायालय ने गुरुवार (20 जुलाई, 2023) को गोधरा दंगों के साक्ष्य गढ़ने के मामले में तीस्ता सीतलवाड़ की डिस्चार्ज याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही सीतलवाड को साक्ष्य गढ़ने के मामले में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
याचिका में तीस्ता को आरोपमुक्त करने का आग्रह करने की मांग की गई थी। ज्ञात हो कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अंबालाल पटेल ने 12 जुलाई को बहस समाप्त होने के बाद मामले को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया था।
सीतलवाड़ पर आरोप है कि वह गोधरा दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार के उच्च अधिकारियों को फंसाने के लिए दस्तावेज तैयार करने और गवाहों को तैयार करने में शामिल थी।
इस मामले में उनकी डिस्चार्ज याचिका को खारिज करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, एएस बोपन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द करने के एक दिन बाद आया, जिसमें सीतलवाड को जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
इस महीने की शुरुआत में गुजरात उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और उनकी तत्काल गिरफ्तारी का आदेश दिया।
हालाँकि कुछ घंटों बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीतलवाड को तब तक अंतरिम सुरक्षा प्रदान की जब तक कि मामले की शीर्ष अदालत में दोबारा सुनवाई नहीं हो जाती। वहीं कल उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के निर्देशों को रद्द कर आदेश दिया कि तीस्ता सीतलवाड़ की अंतरिम जमानत जारी रहेगी।