गुजरात सरकार ने 2002 के दंगों के बाद षड्यंत्र रचने वाली तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत का विरोध किया है। तीस्ता ने ने गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष जमानत याचिका लगाई थी। सरकार की तरफ से दाखिल किए गए शपथपत्र में कहा गया है कि वह एक राजनीतिक दल के लिए काम कर रही थीं और गुजरात सरकार को अस्थिर करना चाहती थीं।
हाईकोर्ट में गुजरात सरकार ने यह भी कहा है कि तीस्ता को अहमद ने 30 लाख रुपए भी इस काम के लिए दिए थे। गौरतलब है कि वर्ष 2002 में गोधरा स्टेशन पर कारसेवकों की ट्रेन जलाने के बाद भड़के गुजरात दंगों के बाद तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कैम्पेन चलाया था। गोधरा में 59 कारसेवकों की हत्या हुई थी। तीस्ता को जून 2022 में मुंबई से गिरफ्तार किया गया था।
गुजरात सरकार के विरुद्ध षड्यंत्र रचने के मामले में तीस्ता समेत पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार भी शामिल थे। राज्य सरकार की तरफ से पेश होने वाले मितेश अमीन ने कहा कि तीस्ता दंगों के दौरान एक राजनीतिक दल के लिए टूल की तरह काम कर रही थीं। गुजरात सरकार ने यह भी कहा कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ करना उनका सबसे प्रमुख गुण है।
मितेश अमीन ने तीस्ता के साथ काम करने वाले रईस खान के बयान का हवाला भी दिया जिसमें उसने कहा था कि तीस्ता और अहमद पटेल अहमदाबाद के सर्किट हाउस में मिले थे जहाँ पटेल ने सीतलवाड़ को कुछ लोगों के नाम लेकर उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने के लिए कहा था ताकि उन्हें जेल भेजा जा सके। पटेल ने सीतलवाड़ से यह भी कहा था कि कई पुलिस अधिकारी हमारे लिए काम कर सकते हैं।
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तीस्ता सीतलवाड़ के विरुद्ध यह सारे खुलासे पिछले वर्ष एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की जांच में हुए थे। SIT की रिपोर्ट ने बताया था कि गुजरात दंगों के बाद कॉन्ग्रेस की मदद करने और नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने के पुरुष्कार के रूप में सीतलवाड़ को 2007 में पद्मश्री दिया गया था।
सीतलवाड़ खुद राज्यसभा जाना चाहती थीं और अपने से पहले जावेद अख्तर और शबाना आज़मी को राज्यसभा भेजे जाने पर नाराज़ भी थीं। तीस्ता ने गुजरात के एक व्यक्ति क़ुतुबुद्दीन अंसारी का इस्तेमाल भी चंदा जुटाने और गुजरात सरकार के विरुद्ध षड्यंत्र रचने में किया। क़ुतुबुद्दीन को जब इसका पता लगा तो वह गुजरात लौट गए। तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात दंगों के पीद्तियों के लिए इकट्ठा किए गए पैसों में भी बड़े स्तर पर गड़बड़ की थी।
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