केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की बेटी के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट गिरीश बाबू (47) सोमवार सुबह कलामस्सेरी स्थित अपने घर में मृत पाए गए।
पुलिस के मुताबिक, मौत के पीछे शुरुआती जांच से पता चलता है कि दिल पड़ने से उनकी मौत हुई है। गिरीश का स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का इलाज चल रहा था, जिसकी जानकारी उन्होंने पिछले महीने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए भी दी थी। पुलिस गिरीश के घर पहुंची और पूछताछ की कार्रवाई शुरू की।
पुलिस ने कहा कि गिरीश अपने परिवार के साथ कालामस्सेरी में रह रहे हैं और उनकी पत्नी ने ही उन्हें आज सुबह बेडरूम में मृत पाया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह दिल के दौरे का मामला लगता है। हालांकि, हम शव परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं।”
ज्ञात हो कि गिरीश द्वारा दायर कई जनहित याचिकाओं ने केरल में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। पलारीवट्टोम फ्लाईओवर घोटाला और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा विजयन के खिलाफ मासिक भुगतान के आरोपों सहित कई मामलों में गिरीश की अहम भूमिका रही
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की बेटी वीणा विजयन पर प्राइवेट कंपनी से बिना काम के ही तीन साल तक पैसे लेने का आरोप लगा था। आयकर जाँच से भी यह बात सामने आई थी कि वीणा और उनकी कंपनी को हर महीने कुल 8 लाख रुपए बिना काम के मिलते थे।
गिरीश का आरोप था कि सीएम विजयन की बेटी वीणा विजयन को कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) द्वारा रिश्वत दी गयी है। गिरीश इस मामले की जांच की मांग करते हुए अदालत में गए थे हालांकि पिछले दिनों कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। इसके बाद उन्होंने मामले की सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया।
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि गिरीश की मौत तब हुई जब आज अदालत उनकी याचिका पर विचार करने वाली थी।
गिरीश ने आयकर अंतरिम बोर्ड ऑफ सेटलमेंट (आईटीआईबीएस) नई दिल्ली के खुलासे का हवाला देते हुए जांच की मांग की थी। उन्होंने अपनी याचिका में सीएम और यूडीएफ नेताओं रमेश चेन्निथला, पीके कुन्हालीकुट्टी और वीके इब्राहिमकुंजू का नाम लिया और दावा किया कि उन्हें भी रिश्वत मिली थी।