भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम! पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम! राष्ट्रपति बनने से पहले डॉक्टर कलाम की पहचान एक महान वैज्ञानिक की थी। भौतिकी के कई क्षेत्रों में पारंगत कलाम को “मिसाइल मैन ऑफ़ इंडिया” भी कहा जाता है। कलाम की पहचान उनकी अनगिनत उपलब्धियाँ रहीं। डॉक्टर कलाम की गिनती सर्वश्रेष्ठ भारतीयों में की जाती है।
डॉक्टर कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ। उन्होंने तमिलनाडु से ही भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की और एक वैज्ञानिक के रूप में अनेक संस्थाओं में कार्यरत रहे। स्पेस टेक्नोलॉजी से लेकर न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी तक, डॉक्टर कलाम की पहचान भारतीय उत्कृष्टता की पहचान रही। एक राष्ट्रपति और देश के प्रथम नागरिक के रूप में उन्होंने जो मानदंड स्थापित किये, वे उनके बाद के राष्ट्रपतियों के लिए लीक बन गए।
डॉक्टर कलाम का एक वैज्ञानिक से राष्ट्रपति के तौर पर रूपांतरण जितना सहज रहा, वह अपने आप में अन्य भारतीयों के लिए अनुकरणीय है। प्रथम नागरिक रहते हुए नए मानदंड स्थापित करना उनके लिए शायद इसलिए सहज रहा क्योंकि वे एक राजनीतिज्ञ नहीं थे। उत्कृष्टता की उपलब्धि ही उनकी जीवन यात्रा का सार था। विज्ञान में उत्कृष्टता हो या संवाद में उत्कृष्टता, राष्ट्रपति के रूप में हो या वैज्ञानिक के रूप में, डॉक्टर कलाम ने हर भूमिका में उसे नए आयाम दिए।
राष्ट्रपति भवन पहुँच कर भारतीय मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता का बढ़ जाना भी उत्कृष्टता का ही मानक था। आम भारतीय के लिए राष्ट्रपति भवन के दरवाजे खोलने से लेकर बच्चों के साथ संवाद करने तक, डॉक्टर कलाम का एक ही उद्देश्य रहा और वह था राष्ट्रीय हितों की रक्षा और राष्ट्र को हर पल प्रेरित करने की ललक। राष्ट्रपति बनने के बाद भी सरल रहना उनके लिए कितना आसान था, यह देखकर ही डॉक्टर कलाम की महानता का अनुमान लगाया जा सकता है।
उन्होंने राष्ट्रपति भवन की कई पुरानी परम्पराओं को न केवल त्याग दिया पर आने वाले राष्ट्रपतियों को रास्ता भी दिखाया। पत्रों का जवाब स्वयं अपने हाथों से लिखकर देते थे। अपने स्टाफ से सुह्रद संबंधों के लिए उनको याद किया जाना उनके जीवन दर्शन का प्रमाण है। विकास की राजनीति के लिए प्रेरित करने का महत्व डॉक्टर कलाम से अधिक कोई नहीं समझता था।
भारत को आगे बढ़ाना और भारतीयों को गरीबी रेखा से उभारना एक ही काम था, यह विकास की राजनीति के उनके दर्शन का प्रमाण है। भारत के आर्थिक विकास के लिए जीडीपी का बढ़ना, गरीबी रेखा के स्तर पर लोगों को ऊपर लाना और नैतिक मूल्यों की रक्षा उनके समग्र विकास के दर्शन का आधार थे। अब्दुल कलाम जिस अजेंडे को लेकर भारत की नई तस्वीर की कल्पना कर रहे थे वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अजेंडे में भी नज़र आता है।
डॉक्टर कलाम को निरंतर जानने का प्रयास ही भारतीय उत्कृष्टता को मार्ग दिखा सकता है।