आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा से तब तक के लिए निलंबित कर दिया गया है जब तक कि विशेषाधिकार समिति राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक से सम्बन्धित एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के जाली हस्ताक्षर करने के आरोप पर अपना फैसला नहीं सुना देती है।
राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा के समय पांच राज्यसभा सांसदों ने शिकायत की थी कि राघव चड्ढा ने एक सेलेक्ट समिति को भेजे गए प्रस्ताव में उनकी अनुमति के बिना उनका नाम शामिल किया था। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार (09 अगस्त, 2023) को सांसदों की शिकायतों के मामले की जांच के लिए विशेषाधिकार समिति को भेज दिया था।
क्या है मामला?
राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के खिलाफ बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, पी कोन्याक, बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा और AIADMK नेता थम्बी दुरई ने विशेषाधिकार हनन की शिकायत की थी।
राज्यसभा में जब ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2023’ पर चर्चा पूरी हुई। इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने इसे पारित कराने के लिए विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए संशोधनों को रखवाना शुरू किया।
वहीं इसके बाद आप सांसद राघव चड्ढा का प्रस्ताव आया, जिन्होंने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव था। इसमें समिति सदस्यों के नाम भी थे। हंगामा तब हुआ जब पीठ ने समिति में शामिल किए गए सदस्यों के नाम पढ़े और इनमें से पांच सदस्यों ने कहा कि उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में उनके नाम डाले गए। प्रस्ताव पर उन सदस्यों के हस्ताक्षर भी नहीं है।
राघव ने Good Faith के कारण ऐसा किया होगा
आम आदमी पार्टी के ही राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने इस फर्जीवाड़े को लेकर कहा है कि हो सकता है कि शायद, राघव चड्ढा ने Good Faith में उनके नाम लिखे हो कि इसमें बीजेपी के भी लोग होने चाहिए, इसमें कांग्रेस के भी होने चाहिए, इसमें टीएमसी के भी होने चाहिए।
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