गुजरात समचार की एक रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी के एक नेता ने अहमदाबाद में भाजपा नेता को चाकू मार कर घायल कर दिया है। नौटंकी, झूठ और बहानेबाजी का त्रिदोष जिस पार्टी को लगा हो, उससे आप उम्मीद ही क्या कर सकते हैं?

AAP ने दिल्ली में सफलतापूर्वक दंगे और गुंडई का मॉडल पहले से चला रखा है। इसका नवीनतम प्रमाण बीते सोमवार यानी 12 सितंबर को देखने को भी मिला है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अखिलेश त्रिपाठी और संजीव झा को दंगा भड़काने और पुलिस पर हमला करने के लिए दोषी करार दिया है। मामले की अगली सुनवाई 21 सितम्बर, 2022 को है, जिसमें सजा का ऐलान भी हो सकता है।
जनवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के दौरान AAP के पार्षद ताहिर हुसैन की करतूत अगर आप भूल गए हैं, तो याद दिला दें कि निचली अदालत ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश सहित अन्य आरोप तय किए थे। कड़कड़डूमा कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ये भी कहा था कि ताहिर हुसैन मूकदर्शक नहीं था, साजिश रचनेवाला था।
जानिए, संजीव झा-अखिलेश त्रिपाठी का पूरा मामला
20 फरवरी, 2015 को बुराड़ी पुलिस स्टेशन पर बेकाबू भीड़ ने हमला किया था। इस हमले में दर्जनों पुलिसकर्मी गम्भीर रूप से घायल हुए थे। दंगाइयों की यह भीड़ दो लोगों को छोड़ने की माँग कर रहे थे, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आप (AAP) के यह दोनों विधायक भीड़ को भड़काने के लिए कह रहे थे, “पुलिसवालों को सबक सिखाने का समय आ गया है।”
आम आदमी पार्टी के विधायक जेल में
AAP के विधायक न केवल गुंडई करने में आगे हैं, बल्कि कई विधायक जेल की हवा भी खा रहे हैं, कई के जेल जाने के आसार बने हुए हैं।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन हवाला केस के चलते जेल में हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब घोटाले में जेल जाने की तलवार लटक रही है।
आप के विधायक अमानतुल्लाह खान जमानत पर बाहर हैं।
अरविन्द केजरीवाल की ऑटो वाली नौटंकी
AAP के मुखिया अरविन्द केजरीवाल इस समय गुजरात के दौरे पर हैं। वह हमेशा की तरह अपने फेवरेट काम- नौटंकी- में लगे हुए हैं। इस दौरे के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। ऑटो वाली नौटंकी लिखने वाले सस्ते स्क्रिप्ट राइटर गुजरात भी पहुंच चुके हैं।
गुजरात में भी पंजाब वाला पूरा दृश्य दोहराया जाता है, इसमें भी ऑटो चलाने वाला एक व्यक्ति अरविन्द केजरीवाल से कहता है, “नमस्ते सर, मेरा नाम विक्रम दन्तानी है। मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूं। मैंने आपका वीडियो सोशल मीडिया पर देखा था, आप पंजाब में ऑटो-रिक्शा वाले के घर खाना खाने गए थे। मैं भी एक गुजराती हूं, मेरे घर क्या खाना खाने आओगे सर”?
दिल्ली का हाल बताते ऑटो चालक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बारे में दिल्ली के ऑटो चालक क्या कहते हैं? एक वीडियो में देखा जा सकता है।
वीडियो में दिल्ली का एक ऑटो चालक कहता है, “अब तो दिल्ली के हरेक ऑटो के पीछे लिखा होगा, ‘केजरीवाल फ्री दारुवाल’, ये सबसे घटिया मुख्यमंत्री है दिल्ली का।”
दूसरा ऑटो चालक कहता है, “हमारा सारा धन्धा चौपट कर दिया इसलिए नो (No) केजरीवाल, कोई वादा इसने पूरा नहीं किया।”
तीसरा ऑटो चालक कहता है, “पूरा दिल्ली का रोड देखिए, कोई रोड बना है, गाजीपुर, कौंडिली में बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हैं, कोई ऑटो गिरता है तो चिमटी टूट जाता है।”
चौथा ऑटो चालक कहता है, “क्या लन्दन बनाएंगे दिल्ली को, और नरक बना दिया है।” ऑटो चालक आगे कहता है, मैं पहले केजरीवाल समर्थक था लेकिन अब नहीं हूं।
अरविन्द केजरीवाल की सुरक्षा नौटंकी
अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में संवैधानिक पद पर आसीन हैं। किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल रहते हैं। सुरक्षा के लिहाज से प्रोटोकॉल का पालन करना और करवाना अनिवार्य हो जाता है।
बीते सोमवार यानी 12 सितम्बर, 2022 की आधी रात अरविन्द केजरीवाल सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ते हुए ‘नाइट-आउट’ पर यानी निशाचर बन घूमने निकले थे। घुमक्कड़ केजरीवाल को गुजरात पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से रोका तो केजरीवाल कहते हैं, “हमें नहीं चाहिए आपकी सिक्योरिटी, लेकर जाइए अपनी सिक्योरिटी, आप जबरदस्ती दे रहे हैं सिक्योरिटी।”
अरविन्द केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में अपने लिए सुरक्षा हेतु पीएम नरेन्द्र मोदी के इस्तीफे की मांग करते हुए कहते हैं, “नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री होते हुए अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री की सुरक्षा नहीं कर सकते तो इस्तीफा दे दें।”
अरविन्द केजरीवाल सुरक्षा प्रोटोकॉल को ताक पर रखते हुए रात-रात भर गुजरात की सैर कर रहे हैं। गुजरात पुलिस अरविन्द केजरीवाल को सुरक्षा देकर अपना कर्तव्य निभाती है तो केजरीवाल उल्टा पुलिस पर बिफरने लगते हैं। पुलिस के सम्बन्ध में अरविन्द केजरीवाल के क्या विचार हैं वो पहले भी कई बार बता चुके हैं। अरविन्द केजरीवाल के मुताबिक पुलिस यानी ‘ठुल्ले’।
गुजरात में नाइट आउट के दौरान अरविन्द केजरीवाल ने यातायात नियमों को तो ताक पर ही रख दिया। नियमानुसार ऑटो चालक के बगल में किसी के बैठने की अनुमति नहीं होती है। बावजूद, केजरीवाल जिस ऑटो में बैठकर सैर-सपाटे पर निकले थे, उसमें चालक के बगल में भी सवारी बैठी हुई दिखाई देती है।
केजरीवाल क्या करना चाहते हैं, यह समझ में सबके आ रहा है। अगर उनको लगता है कि उनकी नौटंकी से जनता वाकिफ नहीं, तो ये उनकी गलतफहमी है। अभी उत्तराखंड में जब उनके रेवड़ी बाँटने की चाल नहीं चली, तो वह पलट कर भी वहां नहीं गए। केजरीवाल को अगर एक वाक्य में कहें, तो जहाँ इनकी दाल नहीं गली, वहाँ वे भूलकर भी नहीं जाते।