दुबई में विजयादाशमी पर एक विशाल हिंदू मंदिर लोगों के लिए खुल गया है। इससे पिछली शाम को हुए आधिकारिक समारोह में संतों, राजनयिकों और सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति रही, पर दशहरा से सभी लोग मन्दिर में दर्शन कर सकेंगे। यह मंदिर दुबई के जेबेल अली में चर्च और एक सिख गुरुद्वारे के पास स्थित है। मंदिर ट्रस्ट ने हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति के बारे में जागरूकता के लिए उद्घाटन समारोह में सभी धार्मिक मान्यताओं और राष्ट्रीयताओं के लोगों का स्वागत किया।
इस अवसर पर शेख नाहयान ने रिबन काट कर मंदिर का उद्घाटन किया। शेख नाहयान ने इस मंदिर निर्माण के कर्ताधर्ता वासु श्रॉफ, UAE के भारतीय राजदूत संजय सुधीर व सरकारी अधिकारियों और सभी धर्मों के प्रतिनिधियों के साथ पूरे मंदिर का दर्शन किया व दीप प्रज्ज्वलन कर सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया।
भारतीय और अरबी वास्तुकला के सम्मिश्रण, सफेद संगमरमर पर हाथ की नक्काशी, धातु की कलात्मक जालियों, देवी देवताओं की जीवंत मूर्तियों और पीतल के ऊंचे शिखरों के साथ यह मंदिर कई शताब्दियों बाद अरब में मूर्तियों का सौन्दर्य और हिन्दू संस्कृति की सुगंध बिखेरने को तैयार है। भारतीय समुदाय लंबे अरसे से मंदिर निर्माण के लिए एक बड़े स्थान का अनुरोध कर रहा था जिसके लिए दुबई सरकार ने तीन साल पहले यह जमीन दी थी।
अद्भुत कलात्मक नक्काशी से जीवंत हुई भारतीय संस्कृति
मंदिर का मुख्य मण्डप पहली मंजिल पर एक विशाल रोशनदान के नीचे है जिसमें शांति का संदेश बिखेरता एक बड़ा, गुलाबी कमल ऊपर से छाया किए हुए है। भारत भर में हिंदुओं द्वारा पूजे जाने वाले देवताओं को इसी कमल मंडप में स्थापित किया गया है।
मंदिर के निचले हिस्से में एक बड़ा बैंक्वेट हॉल है जहाँ प्रशिक्षकों द्वारा शास्त्रीय नृत्य और संगीत सिखाने के लिए एक स्टूडियो और संस्कृत भाषा सिखाने जैसे शैक्षिक कार्यों के लिए हॉल बनाए गए हैं। मंदिर में हजारों लोगों को एक साथ खिलाने लायक एक विशाल रसोई है जो पहले ही शुरू हो चुकी है।
मंदिर की बाहरी दीवारों पर अरबी मशरबिया वास्तुकला में पारंपरिक हिंदू डिजाइनों के संयोजन से तैयार की गई स्क्रीन्स बरबस ही आकर्षित कर लेती हैं। जयपुर, कन्याकुमारी और मदुरई के प्रवीण मूर्तिकारों द्वारा सफेद और काले संगमरमर से निर्मित देवी देवताओं की मूर्तियों की अलौकिक मुस्कुराहट बेहद आकर्षक हैं।
मंदिर के मार्बल फर्श पर केसर और पन्ने के रंग की जड़ाई और सीढ़ियों पर स्टेनलेस स्टील की फिटिंग्स में सब जगह कमल पुष्प की आकृतियाँ, पर स्तंभों और मेहराबों पर राजस्थानी शैली के नक्काशीदार पेड़, पौधे, हाथी और घंटियों की सुंदर नक्काशी इसे देव उपवन का लुक दे रही है।
मंदिर में सिखों का पवित्र गुरु ग्रन्थ साहिब भी
अरब का यह विशाल हिन्दू मंदिर भारत की समदर्शी हिन्दू चेतना का भी प्रतिबिम्ब बन रहा है। मंदिर में सिख मतावलंबियों के लिए गुरु ग्रन्थ साहिब भी स्थापित की गई हैं, जहाँ सिख समुदाय अरदास कर सकता है, और दश गुरुओं के प्रति श्रद्धा अर्पित कर सकता है।
मंदिर का संख्या सौन्दर्य
इस भव्य मंदिर के निर्माण में 900 टन से अधिक स्टील, 6,000 घन मीटर कंक्रीट और 1,500 वर्ग मीटर चमकदार संगमरमर का उपयोग किया गया है।
मुख्य प्रार्थना मण्डप लगभग 5,000 वर्ग फुट का है और जिसमें एक समय में लगभग 1,500 लोग बैठ सकते हैं। भूतल के बैंक्वेट हॉल में लगभग 750 लोग और बहुउद्देशीय हॉल में लगभग 200 लोग बैठ सकते हैं। संरचना दो मंजिलों में फैली हुई है।
UAE में बन रहा एक और विशाल हिन्दू मंदिर
दुबई(यूएई) में दो छोटे मंदिर और हैं, जो पुराने भवनों के अंदर बने हुए हैं, पर इसके अलावा अबू धाबी में भी एक पारंपरिक हिंदू मंदिर बनाया जा रहा है, जो 2024 तक पूरा बनकर तैयार होगा। बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा बनाया जा रहा यह मंदिर एक हजार साल तक दृढ़ता से खड़ा रहेगा। इस मंदिर के निर्माण का पहला चरण पूरा हो चुका है।
BAPS संस्था द्वारा यह मंदिर 450 करोड़ दिरहम यानी करीब 888 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। अबू मुरैखाह पर स्थित इस मंदिर का क्षेत्रफल 27 एकड़ है। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने इस मंदिर को बनाने के लिए 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय UAE यात्रा के दौरान जमीन देने की घोषणा की थी। इसके बाद पीएम मोदी ने 2018 में अपने दुबई दौरे के दौरान मंदिर की आधारशिला रखी थी।
UAE के इस मंदिर में सात मीनारें और पांच गुंबद होंगे। परिसर में एक बैठक केंद्र, प्रार्थना कक्ष, पुस्तकालय, कक्षा, सामुदायिक केंद्र, हॉल, एम्फीथिएटर, खेल क्षेत्र, उद्यान, किताबों और कलाकृतियों की दुकानें, फूड कोर्ट और अन्य सुविधाएं होंगी।
अन्य खाड़ी देशों में भी हैं हिन्दू मंदिर पर सऊदी अरब को अब तक मंदिर का इंतजार
दुबई के साथ साथ ओमान और बहरीन सहित कई खाड़ी देशों में कुछ हिंदू मंदिर पहले से मौजूद हैं। पर क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के सऊदी अरब को अब तक एक अदद हिन्दू मंदिर का इंतजार है, जो जल्द ही पूरा हो सकता है।
ओमान
फरवरी 2018 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओमान पहुंचे तो राजधानी मस्कट के शिव मंदिर भी गए। इसके अलावा मस्कट में एक श्रीकृष्ण मंदिर और एक गुरुद्वारा भी है।
बहरीन
भारत के बहुत से लोग बहरीन में भी काम करते हैं, जिनमें एक बड़ा हिंदू समुदाय भी शामिल हैं। उनकी धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए यहाँ पर शिव मंदिर और अयप्पा मंदिर का निर्माण किया गया है। यहाँ 1817 में बना एक श्रीनाथजी का मंदिर भी है।