त्रिपुरा के धलाई जिले के 62 जनजातीय गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम आवास योजना के अन्तर्गत चिह्नित किया गया है। इन गांवों को पक्के घर और अन्य बुनियादी जरूरतें जैसे- बिजली, पानी, पक्के रास्ते की सुविधा मिलेंगी। इसके लिए प्रत्येक गांव पर 20 लाख 36 हजार रुपये खर्च किए जाने हैं।
त्रिपुरा के जनजाति कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पुनीत अग्रवाल ने बीते शुक्रवार (9 सितम्बर, 2022) को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, “राज्य के वन संसाधनों पर आधारित उद्योगों की स्थापना और कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए जनजाति कल्याण विभाग ने राज्य में वन-धन विकास केन्द्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए केन्द्र सरकार पहले ही 32 वन-धन विकास केन्द्रों की स्थापना को मंजूरी दे चुकी है।
उत्तर-पूर्वी राज्यों के इतिहास में यह पहली बार है जब जनजातीय क्षेत्रों तक केन्द्र की योजनाएं जमीन पर दिख रही हैं। अब तक त्रिपुरा जैसे राज्य और खासतौर पर जनजातीय क्षेत्रों की अवहेलना होती आई है। आमतौर पर यह धारणा रही है कि जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को आधुनिक सुविधाओं की आवश्यकता नहीं है। वे अब तक चली आ रही व्यवस्था में ही खुश हैं। ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 नवम्बर, 2021 को त्रिपुरा के 1.47 लाख से अधिक लाभार्थियों को पीएम आदर्श ग्राम आवास योजना की पहली किस्त ट्रांसफर की थी। पीएमओ ने बयान जारी कर कहा भी था कि त्रिपुरा की अनूठी भू-जलवायु स्थिति को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी की इस पहल के बाद त्रिपुरा राज्य के लिए ‘कच्चे’ घर की परिभाषा बदल दी गई है।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रोफेसर मणिक साहा ने भी आदिवासी वर्ग के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को राज्य में प्राथमिकता के आधार पर लागू करने की बात पर जोर दिया है। उनका मानना है कि “जन-जातीय लोगों को इन योजनाओं के बारे में जागरूक करने पर जोर दिया जाना चाहिए, तभी ये लोग इन योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे।”