प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद देश में चिकित्सा व्यवस्था और चिकित्सा शिक्षा दोनों में बड़े बदलाव आए हैं। पिछले 9 वर्षों में देश में MBBS सीटों की संख्या दोगुनी हो गई है, इस दौरान मेडिकल कॉलेज की संख्या भी बढ़ी है। वहीं, मेडिकल में परास्नातक की सीटें भी बढ़ी हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोकसभा में दी गई एक जानकारी में बताया है कि बीते 9 वर्षों के दौरान देश में 317 मेडिकल कॉलेज बने हैं। इनकी संख्या वर्ष 2014 से पहले 387 थी जो कि अब बढ़ कर 704 हो गई है। मेडिकल कॉलेज की संख्या में देश में 9 वर्षों में 82% की बढ़ोतरी हुई है।
बीते कुछ वर्षों से देश में मेडिकल कॉलेज की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी के पीछे सरकार की नीतियों का बड़ा हाथ है। केंद्र सरकार की नीति के तहत देश के उन हिस्सों में जहाँ अभी तक किसी भी प्रकार की चिकित्सा शिक्षा की व्यवस्था नहीं थी, राज्य सरकार के सहयोग से मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं।
इन मेडिकल कॉलेज को जिला अस्पतालों के साथ जोड़कर बनाया जा रहा है जिससे आम जनता को भी सीधा लाभ मिले और छात्र भी अधिक सीख सकें। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि इस योजना के तहत मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए केंद्र सरकार 60% बजट दे रही है जबकि राज्य सरकार 40% खर्च कर रही है। उत्तरपूर्व के राज्यों और विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों के लिए केंद्र सरकार 90% बजट दे रही है।
मेडिकल कॉलेज की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही देश में MBBS सीटों और MD(चिकित्सा में परास्नातक) सीटों की संख्या दोगुने से भी अधिक हो गई है। लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2014 तक देश में MBBS की 51,438 सीटें थीं जो कि अब 117% बढ़ कर 1,07,948 हो चुकी हैं। वहीं परास्नातक(MD) की सीटों की बात की जाए तो यह 31,185 थीं जो कि 107% बढ़कर 67,802 हो चुकी हैं।
लोकसभा में दी गई एक अन्य जानकारी के अनुसार, वर्तमान में देश में 56,283 MBBS सीट सरकारी कॉलेज में उपलब्ध हैं। तमिलनाडु में सर्वाधिक 5,250 सीटें उपलब्ध हैं जबकि महाराष्ट्र में 5,025 और उत्तर प्रदेश में 4,303 सीटें सरकारी कॉलेजों में उपलब्ध हैं।
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